तारिक़ आज़मी
वाराणसी: कभी दालमंडी अपने खुशनुमा शाम के लिए मशहूर इलाका था। तहजीब और गीत संगीत की महफिले लोगो को अपने तरफ आकर्षित करती थी। फिर वक्त बदला और कारोबार का एक बड़ा हब बन गया दालमंडी। इन सबके बीच में दालमंडी में अय्यारी ने भी अपनी जगह बना डाला। अक्सर ऐसे वाक्यात सुनाई दे जाते है जाते है जिसको जानकार आपकी हंसी नही रुकेगी। आपके भी मुह से निकल पड़ेगा “कमाल की है अय्यारी-ए-दालमंडी”। आइये ऐसा ही एक और कांड बताते है आपको जिसको जानकार आप खुद कहेगे “कमाल है, मखंचू फिर आ गया चर्चा में।”
मखंचू को दरअसल नेतागिरी का बहुत शौक है और समाजवादी पार्टी का बड़ा ही जुझारू कार्यकर्ता है। नेतागिरी के उसके शौक का भी कुछ लोग फायदा उठा लेते है। पिछली बार मखंचू चर्चा में आया था चंदौली में दाखिल दो मुकदमो को लेकर। एसटीसी चंदौली में दाखिल मुकदमा नम्बर 3631/22 और परिवार न्यायलय चंदौली के मु0न0 185/22 मखंचू के तरफ से दाखिल मुकदमो में मखंचू वादी मुकदमा था जिसमे दावा किया गया था कि दालमंडी के राशिद खान की पत्नी दरअसल मखंचू की पत्नी है और उसकी बिदाई हमको दिलवाया जाए। इस मुक़दमे में जब नोटिस जारी हुई और राशिद खान की पत्नी को नोटिस मिली तो वह भी परेशान हुई कि आखिर मेरी शादी किस्से और हो गई। जब तफ्तीश की गई तो जानकारी लोगो ने दिया कि “अरे ये तो अपना मखंचू है।”
इसके बाद जब लोगो ने मखंचू से संपर्क किया तो मखंचू को जानकारी हुई कि राशिद खान की पत्नी को अपनी पत्नी बताते हुवे मुकदमा हुआ है। फिर मखंचू ने बताया कि असल में राशिद खान ने उसका आधार कार्ड और फोटो लिया था कि अपनी ज़मानत करवानी है। उसके दे दिया और उसी का दुरूपयोग कर ये मुकदमा कर दिया गया। असलियत पता चलते ही मखंचू अपने परिजनों के साथ चंदौली जाता है और अदालत में पेश होकर अपने तरफ से दाखिल दोनों मुक़दमे वापस ले लेता है। इसके बाद इलाके में काफी चर्चा रही और लोग चटकारे के साथ ये बाते करते रहे कि मखंचू एक बार फिर अपनी सीधेपंन का शिकार हो गया।
अब क्या कर डाला मखंचू ने
इस बार का केस सुनेगे तो आप फिर हैरत में पड़ जायेगे। मखंचू को पिछले दिनों चौक थाने से फोन आया और उसको बुलाया गया। परेशान हाल मखंचू कि अब मैंने क्या कर दिया सोचता हुआ अपने परिचितों के साथ चौक थाने पहुचता है तो उसको जानकारी हासिल होती है कि विशेष मुख्या न्यायिक मजिस्ट्रेट के अदालत में अंतर्गत धारा 156(3) केस नम्बर 3710/22 के माध्यम से शिकायत किया गया है कि चौक थाना क्षेत्र के दालमंडी स्थित ताज होटल के पास जब वह मोजा बेच रहा था तो संजय सहगल “बब्बन” और इमरान वगैरह आकर उसको गुमराह करके उससे चंदौली में दर्ज करवाए गए मुक़दमे को वापस करवा देते है और अब वह लोग उसकी पत्नी यानी राशिद खान की पत्नी की बिदाई नही कर रहे है।
अपने तरफ से पड़ी शिकायत को जानकार मखंचू परेशान हो जाता है और पुलिस को साफ़ साफ़ बताता है कि उसने ऐसी कोई कम्प्लेंन नही दिया है। बल्कि राशिद खान की ज़मानत करवाने के लिए राशिद खान और उसके मामा ने उससे कई सादे कागज़ पर साईंन करवाये थे। साथ में आधार कार्ड भी लिया था। उसी का दुरूपयोग करके ये केस फर्जी तरीके से दाखिल किया गया है। मैं कभी कोर्ट गया ही नही हु। राशिद खान ने ही अपने मामा के साथ मिल कर ये फर्जी केस दाखिल किये है। मखंचू का यह बयान सुनकर पुलिस वाले भी अचंभित रह गए। मखंचू के साथ आये उसके अधिवक्ता ने पुलिस को शपथ पत्र देकर मखंचू का लिखित बयान उपलब्ध करवाया है। मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 16 नवम्बर को दिले इस शपथ पत्र के आधार पर पुलिस अग्रिम कार्यवाही कर रही है।
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