फारुख हुसैन
लखीमपुर(खीरी): अधिक से अधिक संख्या में किसान धान क्रय केंद्रों पर पहुंच कर अपने धान को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचे, यदि कोई बाधा आए तो प्रशासन का सहयोग ले। अफवाह पर कतई ध्यान ना दें। खीरी में धान खरीद के लिए शासन से निर्धारित लक्ष्य 2.50 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 154 क्रय केंद्रों एक अक्टूबर से खरीद चल रही है, जो 31 जनवरी तक चलेगी।
शासन से निर्गत क्रयनीति से जनपद में धान की खरीद की जाती है। तय व्यवस्था के मुताबिक सर्वप्रथम डीएम ने जनपद में धान खरीद के लिए (पीसीएफ, पीसीयू, यूपीएसएस, एफसीआई एवं मार्केटिंग) के 154 क्रय केंद्रों का अनुमोदन किए। धान बेचने के लिए किसान को स्वयं अथवा जन सुविधा केंद्र के जरिए खाद्य विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in पर आधार एवं खतोनी का विवरण दर्ज करते हुए पंजीयन कराना होगा। पंजीयन के वक्त किसान आधार से लिंक एवं एनपीसीआई से मैप अकाउंट नंबर दे ताकि 48 से 72 घंटे के भीतर भुगतान हो सके। पंजीयन के उपरांत संबंधित एसडीएम/तहसीलदार के लॉगिन पर पंजीयन प्रपत्र प्रदर्शित होता है। बेची जाने वाली धान की मात्रा संबंधित तहसील के राजस्व अधिकारी सत्यापन करते हैं।
धान क्रय के बाद संबंधित केंद्र प्रभारी सॉफ्टवेयर के जरिए ऑटो मोड में संबद्ध मिल धान भेजते है, जिसकी प्राप्ति मिलर ऑनलाइन करते है। बताते चलें कि क्रय एजेंसियों के प्रस्ताव पर मिलों के संबद्धकरण संभागीय खाद्य नियंत्रक लखनऊ के परीक्षणपरांत अनुमोदन के बाद डीएम द्वारा किया जाता है। संबद्धकरण के लिए प्रमुख रूप से यह देखा जाता है कि वह मिल ब्लैक लिस्टेड, दिवालिया ना हो। उसकी गत वर्षों में कार्य करने की साख एवं कार्य व्यवहार अच्छा रहा हो। यदि किसी तहसील में कोई मिल नहीं है या पर्याप्त क्षमता कि नहीं है, तो अन्य क्षमता के हिसाब से बड़ी मिल से सीएमआर के दृष्टिगत संबद्ध किया जाता है।
मिल संबद्धकरण की समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। सर्वप्रथम मिल का खाद्य विभाग के अफसर भौतिक सत्यापन करते है, उसके बाद एसडीएम/तहसीलदार के स्तर से जांच कराई जाती है, फिर मिलर पोर्टल पर ऑनलाइन डिटेल भरते है, जिसका ऑनलाइन सत्यापन किया जाता है। ऑनलाइन सत्यापन के बाद मिल संबद्धकरण के लिए क्रय एजेंसियों से प्राप्त प्रस्ताव डिप्टी आरएमओ के माध्यम से खाद्य विभाग के मंडलीय अधिकारी के परीक्षणपरांत अनुमोदन के बाद डीएम के स्तर से अंतिम अनुमोदन किया जाता है। केंद्र से मिल को प्राप्त धान को संबंधित मिलर द्वारा उठाई करके 67% फोर्टीफाइड चावल की डिलीवरी भारतीय खाद्य निगम को तय समय सीमा के भीतर करता है।
सत्यापन के बाद किसान अपने मनचाहे निकटवर्ती केंद्र पर साफ सुथरा मानक अनुकूल धान लेकर पहुंचे। केंद्र प्रभारी सत्यापित पंजीयन प्रपत्र आधार कार्ड का मिलान करते हुए नीति के मुताबिक धान को खरीदते हैं। तौल के बाद केंद्र प्रभारी किसान का अंगूठा ईपाप मशीन पर लगवाता है। इसके बाद आटोमेटिक 2 से 3 दिन के भीतर किसान के एनपीसीआई मैप आधार लिंक खाते में 2040 रुपए प्रति कुंतल की दर से भुगतान होता है।
शासन द्वारा क्रय केंद्र प्रभारियों की केंद्रों पर उपस्थित सुनिश्चित कराने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था है, जो ऑनलाइन प्रदर्शित होती है। उपस्थिति का सतत अनुसरण एवं पर्यवेक्षण किया जाता है। वही समय-समय पर अनुपस्थित क्रय केंद्र प्रभारियों को दंडित भी किया जाता है।
खीरी जनपद में धान खरीद के लिए सभी 154 क्रय केंद्रों पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने जनपद, तहसील, ब्लॉक एवं ग्राम स्तरीय अधिकारी कर्मचारियों की नोडल अधिकारी के रूप में ड्यूटी लगाई है। इसके अलावा जिला खरीद अधिकारी/एडीएम संजय कुमार सिंह, अपर जिला खरीद अधिकारी/डिप्टी आरएमओ संतोष कुमार, तहसील स्तरीय नोडल अधिकारी संबंधित एसडीएम, सहकारिता के नोडल एआरसीएस भी सतत अनुसरण एवं पर्यवेक्षण के कार्य में लगाए गए।
दो इलेक्ट्रॉनिक कांटा, डस्टर, नमी मापक यंत्र, कृषकों के लिए कुर्सियां एवं तखत, पेयजल सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं।
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