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गोल्डी बरार: कनाडा में बैठा यह गैंगस्टर पंजाब में है दहशत का दूसरा नाम, कभी था हाकी का बढ़िया खिलाड़ी, पुलिस की माने तो 7 समुन्दर पार बैठ करवा चूका है कई घटनाये

तारिक आज़मी

पंजाब में हुई मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या काण्ड के मास्टरमाइंड बनकर सामने आया नाम गोल्डी बरार अमेरिकन पुलिस के हिरासत में है। ऐसा दावा पंजाब के मुख्यमंत्री ने अपने एक प्रेस कांफ्रेस में किया था। मगर इसके दो दिनों बाद ही गोल्डी बरार ने अपना कथित वीडियो जारी कर बताया कि न तो मुझे पकड़ा गया है और न ही मैं अमेरिका में हु। कनाडा में बैठकर पंजाब में दहशत का दूसरा नाम बन चूका गोल्डी बरार जिसका असली नाम सतिंदरजीत सिंह है और वह पंजाब के मुक्तसर साहिब का रहने वाला है।

गोल्डी बरार हाकी का एक अच्छा खिलाड़ी था। स्कूल की हाकी टीम का गोलकीपर गोल्डी बरार ने स्टेट लेवल तक हाकी खेली और जूनियर हाकी में कई खिताब भी अपने नाम किये। पढाई में होशियार गोल्डी बरार ने कक्षा 10 तक पढ़ाई किया और कई पंजाबियों की तरह उसका भी कनाडा जाने का सपना था और 2017 के स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को वह कनाडा चला गया। बताया जाता है कि वह वहां स्टडी वीज़ा पर गया था। क़रीब पांच महीने पुराने पंजाब पुलिस के डॉज़ियर में कहा गया है, ‘फ़िलहाल गोल्डी बरार ब्रैम्पटन, कनाडा में है और लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सक्रिय सदस्य है।’

हालांकि गोल्डी बरार पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद सुर्खियों में आया था, लेकिन इसके अपराध का सफ़र तो 10 साल पहले ही शुरू हो गया था, यह बात हम नही बल्कि सिद्धू मूसेवाला केस में दायर पुलिस की चार्जशीट और बरार के नाम पर जारी रेड कॉर्नर नोटिस में भी कही गई है। गोल्डी ने कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर फ़रीदकोट यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गुरलाल सिंह भलवान को मारने की साज़िश रची और 18 फ़रवरी, 2021 को अपनी योजना को अंजाम दिया। इस घटना को अंजाम देने के लिए गोल्डी बरार ने अपने रिश्तेदार गुरविंदरपाल सिंह को गुरलाल सिंह भलवान के हत्या हेतु कहा था। जिसके बाद गुरलाल भलवान को मारने के लिए शूटरों की व्यवस्था की गई। इस मामले में गिरफ़्तार अभियुक्तों ने अपने बयान के दौरान बताया था कि गोल्डी इस मामले का मास्टरमाइंड है। गोल्डी ने ही इस घटना को अंजाम देने के लिए शूटरों के लिए वाहन, हथियार, और आवास भी उपलब्ध करवाए थे।

ये गोल्डी बरार का कोई पहला अपराधिक षड़यंत्र नही था। पुलिस का कहना है कि गुरलाल पहलवान की हत्या के बाद गोल्डी बरार ने फ़रीदकोट और मुक्तसर साहिब इलाकों में विभिन्न व्यक्तियों को फ़िरौती के लिए कॉल करना शुरू कर दिया था। पुलिस ये भी मानती है कि इसके द्वारा उसने काफी रंगदारी उतारी भी है। मगर शिकायत करने पुलिस में इसके खौफ के वजह से कोई नही आया था।

गोल्डी बरार पुलिस की नज़र में अपने रिश्ते के भाई गुरलाल बरार की कथित चंडीगढ़ में बम्बीहा गिरोह ने हत्या के बाद आया था। गुरलाल पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष थे। एसओपीयू चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय का एक संगठन है जिसके अलावा वह सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का एक अन्य अभियुक्त लॉरेंस बिश्नोई भी जुड़ा रहा। पुलिस का मानना है कि गोल्डी बरार ने अपने चचेरे भाई गुरलाल बरार की हत्या का बदला लेने का फ़ैसला किया।

सबसे पहले गोल्डी बरार का नाम वर्ष 2012 में सामने आया था जब मोगा निवासी ने एक पीड़ित का आरोप था कि वह अपनी कार से जिम जा रहे थे। रेलवे क्रॉसिंग के पास कुछ लोग हथियार लेकर सड़क किनारे खड़े थे। उन्होंने मोगा के इस शख्स पर गोलियों से हमला किया और फ़रार होने में सफल रहे। इस केस में मुख्य अभियुक्त गोल्डी बरार था। हालाँकि, 2015 में गोल्डी बरार को इस मामले से अदालत ने बरी कर दिया था क्योंकि अपराध होना पुलिस अदालत में साबित नहीं कर पाई थी। इसके बाद 2013 में अबोहर के रहने वाले राकेश रिंहवा ने आरोप लगाया था कि गोल्डी बरार और दो अन्य ने कथित तौर पर उन्हें बंदूक़ की नोक पर अपनी कार में खींच लिया और धारदार हथियारों से हमला किया। इस मामले में भी गोल्डी बरार को बरी कर दिया गया था।

संगीन मामलों में एक मामला वर्ष 2020 का है जब गोल्डी बरार के ख़िलाफ़ पंजाब के मलोट में रंजीत सिंह की हत्या का एक मामला दर्ज किया गया था। अभियुक्तों में से एक पवन नेहरा ने पूछताछ के दौरान बताया था कि उसने अपने साथियों के साथ लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा में रहने वाले गोल्डी बरार के निर्देश पर रणजीत सिंह राणा की हत्या की थी। मृतक की मां मनजीत कौर ने भी इसकी पुष्टि की। यह मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है। पुलिस मानती है कि इसके बाद से ही गोल्डी बरार ने कई से ज़बरदस्ती वसूली भी किया है। कई अन्य घटनाओं के तार गोल्डी बरार तक जुड़े होने की बात तो होती रही मगर पुलिस इसमें कुछ ख़ास साबित नही कर पा रही थी।

गोल्डी बरार अचानक इंटरनेशल चर्चा का विषय सिद्धू मुसेवाला हत्याकांड से हुआ। इसी वर्ष 29 मई को सिद्धू मुसेवाला की हत्या जिस बर्बर तरीके से की गई थी उसने पुरे देश को दहला दिया था। दिन दहाड़े सरेराह हुई इस हत्या के बाद गोल्डी बरार का नाम मुख्य षड्यंत्रकारी में सामने आया तो पुलिस के सभी रडार गोल्डी बरार के तरफ हो गये। इसके बाद से पंजाब पुलिस ने उसको मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में टॉप पर रखा और चार्ज शीट में भी उसका ज़िक्र किया साथ ही रेड कोर्नर नोटिस जारी करवाया। पुलिस ने सिद्धू मुसेवाला की हत्या में दाखिल चार्ज शीट में इस बात का ज़िक्र किया है कि गोल्डी ने कथित तौर पर विक्की मिदुखेरा की हत्या का बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिलवाया है। उसने और लॉरेंस बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर मूसेवाला की हत्या की ज़िम्मेदारी ली।

पुलिस मानती है कि गोल्डी बरार कनाडा में रहकर इंडिया में अपराध को अंजाम दिलवाता है। सबसे ताज़ा मामला सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के समर्थक प्रदीप सिंह कटारिया की हत्या का है। हाल के दिनों में गोल्डी बरार ने प्रदीप सिंह की हत्या की ज़िम्मेदारी ली थी। 2015 के बरगाड़ी बेअदबी मामले के अभियुक्त प्रदीप की 10 नवंबर को फ़रीदकोट के कोटकपुरा में छह हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वह सुबह 7:15 बजे अपनी डेयरी की दुकान खोल रहा था। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे के फ़ुटेज के आधार पर छह लोगों की पहचान की है।

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