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क्या अभी और टलेगे निकाय चुनाव: अदालत ने ओबीसी आरक्षण को किया खत्म तो विपक्ष हुआ सरकार पर हमलावर, बोले सीएम योगी, आरक्षण के बाद ही होंगे निकाय चुनाव, ज़रूरत पड़ी तो जायेगे सुप्रीम कोर्ट

तारिक खान

डेस्क: निकाय चुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर आये आज हाई कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रियाये आना शुरू हो गई है। आज हाई कोर्ट ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाते हुवे ओबीसी आरक्षण को समाप्त कर दिया था। इस फैसले के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के बाद ही होंगे और ज़रूरत पड़ी तो इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट का भी रुख करेगी।

सीएम योगी आदित्यनाथ के इस एलान के बाद अब कयास लगाया जा रहा है कि निकाय चुनाव अभी और भी टल सकते है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान जारी कर कहा है कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय चुनाव के लिए आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके बाद ही निकाय चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा। यदि आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार उच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करके सर्वोच्च न्यायालय में अपील भी करेगी।

अदालत के इस फैसले पर सपा नेता रामगोपाल यादव ने सरकार पर कोर्ट में ठीक से पैरवी न करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण खत्म करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। यह उत्तर प्रदेश सरकार की साजिश है। जानबूझकर तथ्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि ऐसा करके सरकार ने यूपी की 60 फीसदी आबादी को आरक्षण से वंचित किया। इस फैसले पर भाजपा के ओबीसी मंत्रियों की जबान पर ताले लग गए हैं। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की स्थिति बंधुआ मजदूर जैसी है।

इस फैसले के बाद मायावती ने बयान दिया है कि यूपी में बहुप्रतीक्षित निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार के तहत मिलने वाले आरक्षण को लेकर सरकार की कारगुजारी का संज्ञान लेने सम्बंधी माननीय हाईकोर्ट का फैसला सही मायने में भाजपा व उनकी सरकार की ओबीसी एवं आरक्षण-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रकट करता है। यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अनुपालन करते हुए ट्रिपल टेस्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को समय से निर्धारित करके चुनाव की प्रक्रिया को अन्तिम रूप दिया जाना था, जो सही से नहीं हुआ। इस गलती की सजा ओबीसी समाज बीजेपी को जरूर देगा।

इसके पहले आज सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अदालत के आये फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुवे भाजपा सरकार को निशाने पर लिया था और कहा था कि ओबीसी आरक्षण पर सरकार ने अदालत में कमज़ोर पैरवी करके पिछडो का अधिकार उनसे छीन लिया है। उन्होंने ट्रवीट कर कहा कि आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक छीना है। कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी।

अखिलेश यादव ने आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछड़ों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील की है। अखिलेश यादव ने कहा है कि आरक्षण बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। मायावती ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह फैसला भाजपा की आरक्षण विरोधी मानसिकता को दिखाता है। आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है,कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी।

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