ए जावेद
वाराणसी: जनपद का माझी समुदाय अक्सर डूबते को सहारा देकर बचाता रहा है। काशी की गंगा में डुबकी लगा कर अपनी मनोकामनाए पूर्ति के लिए आने वाले श्रद्धालु अक्सर पानी की गहराई को नही समझ पाते है और डूबने लग जाते है। ऐसे लोगो के लिए काशी का माझी समुदाय हमेशा घाटो पर तत्पर खड़ा रहता है। जिनकी नज़र पड़ते के साथ ही वह उनकी जान बचा लेता है। इनमे से एक है रामकिशुन माझी जिनको लोग प्यार से “टुल्लू” कहकर पुकारते है।
एक श्रद्धालु को डूबता देखा तारा मंदिर के पुजारी उसको बचाने का प्रयास करने लगे। इस प्रयास में वह खुद भी डूबने लगे। दोनो लोगो को डूबते देख कर मणिकर्णिका टुल्लू मांझी ने अपनी जान की परवाह न करते हुए बिना कपड़ा उतारे पुरे कपडे पहने हुए ही गंगा में छलांग लगा दिया और काफी मशक्कत के बाद दोनों को बचा कर किनारे ले लाये। उम्र के दुसरे पड़ाव में पहुच कर भी टुल्लू माझी शरीर और काठी में मजबूत है। उनकी इस बहादुरी को देख घाट पर खड़े हुवे सभी लोगो ने ताली बजा कर उनका अभिनन्दन किया। इलाके में ही नही बल्कि शहर में इसकी काफी चर्चा और प्रसंशा हो रही है ।
टुल्लू माझी के इस पुनीत कार्य की जानकारी जब इस्पेक्टर चौक शिवाकांत मिश्रा को हुई तो वह भी खुद को टुल्लू की तारीफ करने से रोक नही पाए। टुल्लू के इस पुनीत कार्य हेतु उनका उत्साहवर्धन करते हुवे उन्हें ससम्मान थाने पर बुलाया और पुलिस परिवार की तरफ से पुष्प माला और अंगवस्त्र पहना कर सम्मानित किया। इस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा ने कहा कि प्रभु से यही कामना है कि इनका स्वास्थ ठीक बना रहे, जिससे आगे आने वाले दिनों में भी यह ऐसा पुनीत कार्य करते रहें।
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