Varanasi

वीडीए है सेट, नही मिलेगा शिकायत को भाव, शायद इसीलिए शानदार तरीके से आदमपुर ज़ोन में अवैध निर्माण करवा रहे प्यारे साव, वीडीए के जेई साहब अब तो आप जाग जाओ

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: अवैध निर्माण और वाराणसी विकास प्राधिकरण का लगता है चोली दामन का साथ होता जा रहा है। प्राधिकरण के अन्दर से लेकर बाहर तक सेटिंग गेटिंग का खेल अक्सर चर्चाओं का विषय बना हुआ है। कई ऐसे मामले सामने आ जाते है जो इन बातो को बल भी प्रदान करते रहते है। ऐसा ही एक मामला इस वक्त आदमपुर जोन के त्रिलोचन का सामने आया है जहा एक बड़ा अवैध निर्माण जोर-ओ-शोर से चल रहा है। शिकायत प्राधिकरण में होने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही न होने के कारण चर्चाओं ने जोर पकड़ रखा है कि साव जी की पकड़ बड़ी मजबूत है।

दरअसल मामला आदमपुर के मछोदरी स्थित त्रिलोचन के भवन संख्या ए03/34 का है। मछोदरी तिराहे से भार्गव भूषण प्रेस को जाने वाले इस 5 फिट की सकरी गली में एक संपत्ति है। दावा किया जाता है कि असल में ये संपत्ति ट्रस्ट की है और इसके ट्रस्टी की एक पुत्री ने यह संपत्ति इलाके के मशहूर धनबली प्यारे साव को बेच है और प्यारे साव इस संपत्ति पर अवैध निर्माण करवा रहे है।

मौके पर सकरी गली में ज़बरदस्त अवैध निर्माण हो रहा है। हम वीडीए के दस्तावेजों से जानकारी हासिल करते है तो भवन संख्या 3/34 त्रिलोचन को कोई न तो नक्शा स्वीकृत हुआ है और न ही नक़्शे को स्वीकार करने का आवेदन दिया गया है। फिर भी ज़बरदस्त तरीके से इस संपत्ति पर निर्माण कार्य सभी मानको को दरकिनार कर किया जा रहा है। दुनिया की नजरो से बचाने के लिए बाहरी दीवारों को अभी ऐसे ही रहने दिया गया है, मगर अन्दर हो रही पिलर्स की ढलाई बता रही है कि साव जी बड़ा बेसमेंट बनाने की तैयारी में है।

हमने इस समबन्ध में स्थानीय जेई से संपर्क करने का प्रयास किया तो उनके मोबाइल पर संपर्क नही हो पाया। स्थानीय लोगो का कहना है कि क्षेत्र में प्यारे साव का नाम ही काफी बड़ा है। स्थानीय नागरिक और इस संपत्ति के खलीफा (केयर टेकर) मुन्नी लाल ने बताया कि “हम गरीब लोग है, बार बार विकास प्राधिकरण से शिकायत के बाद भी प्राधिकरण हमारी बातो को नही सुन रहा है। साव जी की बड़ी पकड़ है। उनके खिलाफ कार्यवाही को कोई तैयार नही है। हम आखिर अब शिकायत किस्से करे।”

बहरहाल, अब देखना है कि जेई साहब के आँखों पर बंधी पट्टी अथवा गहरी नींद अभी भी टूटती है अथवा नही टूटती है। बेशक प्यारे साव का प्रतिष्ठान त्रिलोचन मिष्ठान भण्डार क्षेत्र और आसपास के इलाके में चर्चित है। प्यारे साव का नाम ही इलाके में काफी होता है। मगर नियम तो जेई साहब गरीब और अमीर सबके लिए बराबर होता है। संपत्ति के वह मालिक कानूनन है अथवा नही है यह प्रश्न अलग है। मगर मौके पर जोरो शोर से अवैध निर्माण हो रहा है ये तो हकीकत है।

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