फारुख हुसैन
डेस्क: लखीमपुर खीरी में किसान आन्दोलन के दरमियान किसानो को अपनी कार से कुचलने के आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा “मोनू” की मुश्किलें कम होती नही दिखाई दे रही है. एक बार फिर आशीष मिश्रा की ज़मानत अटक गई है. वही सेशन कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ट्रायल पूरा होने में अभी 5 साल और लगेगे. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई को 20 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है।
गौतलब हो कि 3 अक्टूबर 2020 को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान 8 लोगों की मौत हो गई थी, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। घटना के बाद गुस्साए किसानों ने ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। निरस्त किए गए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे विपक्षी दलों और किसान समूहों में आक्रोश पैदा करने वाली हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।
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