ईवीएम पर उठने वाले सवालों का मुख्य चुनाव आयुक्त ने शायराना अंदाज में दिया जवाब, कहा- ईवीएम बोलती तो कहती, जिसने मेरे सिर पर तोहमत रखी, मैंने उसके घर की भी लाज रखी
शाहीन बनारसी
नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता के खिलाफ शिकायत करने वाली पार्टियों ने भी इसी मशीन का इस्तमाल कर चुनाव जीता है। ईवीएम पर बहुत बार तोहमत लगी है, जबकि हकीकत यह है कि ईवीएम में वायरस, बग या किसी भी तरह की तकनीकी छेड़छाड़ संभव नहीं है। इसके लिए उन्होंने आयोग की ओर से समय समय पर उठाए गए कदमों और ईवीएम की बाध्यता को नियमों के कारण अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा है ही नहीं, ईवीएम के चलते दुनिया में भारत की चुनावी प्रक्रिया की धाक है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर उठने वाले सवालों का शायराना अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ईवीएम ने विरोध करने वालों को भी जीताया है। यदि ईवीएम बोल सकती तो शायद यही कहती, “जिसने मेरे सिर पर तोहमत रखी है, मैंने उसके भी घर की लाज रखी है।“ ईवीएम हमारी राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक बन रही है। हाल ही में न्यायालयों से भी इसकी गुणवत्ता साबित हुई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने वीवीपीएट का संदर्भ देते हुए कहा कि ईवीएम पूरी तरह से पुख्ता और इसकी सत्यता स्थापित है। इसकी विश्वसनीयता सौ फीसदी साबित हो चुकी है। ईवीएम को लेकर उन्होंने कहा कि वह साफ करना चाहते हैं कि पुराने मुख्य चुनाव आयुक्त का फर्जी वीडियो चलता है, जिसमें वह कहते हैं कि इसमें छेड़छाड़ संभव है, यह फर्जी है। ईवीएम ने हर पार्टी की जीत की राह सुनिश्चित की है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) के प्रोटो टाइप पर राजनीतिक दलों के समक्ष प्रस्तुति दी गई थी। समावेशी माहौल में पचास से ज्यादा राजनीतिक दलों ने दिनभर चली बैठक में इस मुद्दे पर सार्थक चर्चा की है। उन्होंने कहा कि मतदान न करने वाले करीब 30 करोड़ मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाना हम सबकी प्राथमिकता है। कहा कि आयोग ने घरेलू प्रवासियों को अपने गृह राज्यों या निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले चुनाव में दूरस्थ मतदान करने में सक्षम बनाने के लक्ष्य से आरवीएम के प्रोटो टाइप प्रस्तुति दी थी। हालांकि कई राजनीतिक दलों ने विरोध करते हुए कहा था कि इसकी कोई जरूरत नहीं है।
राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का फैसला मौसम, सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखकर लिया जाएगा। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब कराए जाएंगे पर कुमार ने कहा कि राज्य में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसी प्रकार निर्वाचक नामावली का भी पुनरीक्षण हो चुका है। उन्होंने कहा कि पुनर्व्यवस्थित और नए निर्वाचन क्षेत्रों में रिटर्निंग ऑफिसर और अतिरिक्त चुनावी पंजीकरण अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।