तारिक़ खान/ईदुल अमीन
डेस्क: तुर्की और सीरिया में आए भूकंप को कई दिन हो चुके हैं, लेकिन यहां मलबे के नीचे से लाशों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है। तुर्की में आये भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। हर ओर लाशें बिछी हुई है। भूकंप के तांडव के ज़द में कई जाने जा चुकी है। भूकंप का तांडव हर और नज़र आ रहा है। हर ओर चीख पुकार मची है। भूकंप के कहर से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। भूकंप के कहर से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
बताते चले कि तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से अब तक 37 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है। हर ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है। चीख-पुकार ऐसी जिसे सुन आप भी बेचैन हो उठे। कही कोई अपनी माँ के तलाश में इधर उधर फिर रही है तो कही बच्चा अपनी माँ की तलाश में नन्हे हाथो से मलबे को इस उम्मीद में हटा रहा है कि शायद यहाँ मेरी माँ मिल जाए। जिंदा बचे हुए लोग भी परिवार के मरने की खबर से जैसे मुर्दा हो गया है। इस भयावह भूकंप ने लाखों लोगों को ऐसा दर्द दिया जिसे भूले नहीं भुलाया नहीं जा सकता है। इस भूकंप ने शहरों-गांवों में कई आशियाने भी उजाड़ दिए। भूकंप के बाद जीवित बचे लोगों का संघर्ष अभी भी जारी है। लोग जो अनुभव साझा कर रहे हैं, जिसे सुन आप रोने पर मजबूर हो जाएंगे।
लोगो के दर्द को सुन, महसुस कर दिल झकझोर दे रहा है। दिल में अजीब सी बेचैनी हो जा रही है। नम आँखे वो तबाही की तस्वीरें देख आंसू बहा दे रही है। केवसेर नाम की महिला ने दर्द बयां करते हुए कहा कि वह अपने दो बेटों को तुर्की के अंताक्य शहर में उनकी ढही हुई अपार्टमेंट के मलबे के नीचे फंसे होने की आवाज सुन रही थीं लेकिन दो दिनों तक उन्हें बचाने का आदेश देने के लिए एक इमरजेंसी ऑपरेशन लीडर नहीं मिला।महिला ने कहा कि मैं मलबा उठाने के लिए सिर्फ एक क्रेन की भीख मांगती रही। समय बीत रहा था। मैं रो रही थी और कह रही थी भगवान के लिए केवल एक क्रेन मिल जाए। लोगों ने मीडिया चैनलों से कहा कि इमारत के मलबे से और जीवित लोगों को नहीं निकाला गया है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने तुर्की की सड़क पर कई लोगों से बात की। इस दौरान लोगों ने प्रशासन और व्यवस्था को लकर नाराजगी जताई। लोगों ने आपदा क्षेत्र में पानी, भोजन, दवा, बॉडी बैग और क्रेन की कमी की शिकायत की। हजारों लोग सड़क पर इधर-उधर भटक रहे हैं। सोमवार को दोनों देशों से मरने वालों की संख्या 37,000 से अधिक हो गई, जिससे यह इस सदी की दुनिया की सबसे खराब प्राकृतिक आपदाओं और 1939 के बाद से तुर्की के सबसे घातक भूकंपों में से एक बन गया।
संयुक्त राष्ट्र के राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने जो आशंका जताई है वह और दिल दहलाने वाला है। दरअसल, मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा है कि इस विनाशकारी भूकंप में 50 हजार से अधिक लोगों की जान गई होगी। उन्होंने कहा कि वास्तव में मैंने मृतकों की संख्या गिनना शुरू नहीं किया है लेकिन जिस तरह से मलबे दिख रहे हैं उससे साफ लग रहा है कि यह आंकड़ा 50 हजार से अधिक जा सकता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही, खोज और बचाव लोग मानवीय एजेंसियों के लिए रास्ता बनाएंगे, जिनका काम अगले महीनों के लिए प्रभावित लोगों की असाधारण संख्या को देखना होगा।