तारिक खान
डेस्क: हरियाणा के भिवानी के लोहारू में 16 फरवरी यानी गुरुवार को जली हुई एक बोलेरो कार में दो कंकाल मिले थे। मृतकों की पहचान नासिर (25) और जुनैद (35) के तौर पर हुई है। दोनों राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे। मृतकों के परिजनों ने बुधवार को नासिर और जुनैद के अगवा होने की शिकायत दर्ज कराई थी। मृतकों के परिजनों ने अपनी शिकायत में कहा था कि बजरंग दल के कार्यतकर्ताओं ने दोनों का भरतपुर से अपहरण किया। इस मामले में पुलिस ने बजरंग दल और गो रक्षा दल के मोनू मानेसर उर्फ मोहित समेत 5 लोगों पर मामला दर्ज किया था।
इस घटना में जहा एक तरफ मोनू मानेसर को लेकर चर्चाओं का दौर गर्म हो गया है और उसकी तस्वीरे विभिन्न अधिकारियों तथा नेताओं के साथ वायरल हो रही है, वही मोनू मानेसर की तस्वीरे अत्याधुनिक असलहो के साथ भी वायरल हो रही है। जिसके बाद हरियाणा पुलिस को आलोचनाओं के दौर से गुज़ारना पड़ रहा है। वही मोनू मानेसर का कहना है कि वह निर्दोष है और घटना के दिन वह गुरुग्राम के एक होटल में अपने साथियों के साथ था। मोनू मानेसर और उसके नामज़द साथी हिंदूवादी संगठन बजरंग दल से ताल्लुक रखते है। इसके बाद बजरंग दल और वीएचपी ने मुनु को बेकसूर करार देते हुवे उसके समर्थन में पिछले दिनों रैली निकाली थी।
कल मंगलवार को भी मानेसर गाँव में एक हिन्दू महापंचायत का आयोजन हुआ। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने सड़क पर जाम लगाया और राजस्थान पुलिस को खुली धमकी दे डाली। महापंचायत में खुल्लम खुल्ला राजस्थान पुलिस को धमकी देते हुवे कहा गया है कि यहां (मानेसर में) छापे डालती है, तो पुलिस अपने पांव पर वापस नहीं जाएगी। महापंचायत में खुलेआम पुलिस और कानून को धमकी दी गई। जिसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आरोपियों और उनके समर्थकों को ना तो कानून का डर है और ना ही पुलिस की परवाह। वायरल हो रहे इस महापंचायत के वीडियो में साफ़ सुनाई दे रहा है कि एक वक्ता खुल्लम खुल्ला धमकी दे रहा है कि “राजस्थान पुलिस छापे मारने यहाँ आती है तो वह आएगी अपने पैरो से मगर वापस अपने पैरो से नही जाएगी।”
हरियाणा पुलिस ने इस महापंचायत की अनुमति दिया था इसकी जानकारी कोई अधिकारी देने को तैयार नही है। हरियाणा पुलिस इस खुल्लम खुल्ला धमकी और कानून के मखौल उड़ाने वाले वीडियो पर संज्ञान लेकर कोई कार्यवाही अभी तक तो नही की है। इससे यह भी साफ़ ज़ाहिर होता है कि सत्ता के समर्थित इन संगठनो के किस कदर दबाव में हरियाणा पुलिस काम करती है। फिर इन्साफ की उम्मीद समाज लेकर किसके पास जाए इसका भी जवाब शायद हमारे पास तो नहीं है, हो सकता है आपके पास हो।
यही नही इस महापंचायत में ऐलान किया गया कि मोनू मानेसर और उसकी टीम के लिए फंड बनाया जाएगा, ताकि कानूनी लड़ाई लड़ी जा सके। बताते चले कि हत्यारोपी मोनू मानेसर का पूरा नाम मोहित है। वह मानेसर का रहने वाला है। उसे हथियारों की नुमाइश और दबंगई करने का शौक है। बताया जाता है कि वो पिछले 10-12 साल से बजरंग दल से जुड़ा है। वह पिछले कुछ सालों से कथित गो-तस्करों से कथित मुठभेड़ करने वाला चेहरा बनकर सामने आया है। शातिर मोनू उर्फ मोहित पर युवक को गोली मारने का भी इल्जाम भी लग चुका है। वो खुद को काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स का भी सदस्य बताता है।
अत्याधुनिक असलहो का खुल्लम खुल्ला प्रदर्शन करता हुवे कई वीडियो उसका सोशल मीडिया पर उपलब्ध है। उसके खुद की सोशल मीडिया अकाउंट में इसकी भी गवाही मिल जायेगी कि किस तरीके से वह खुद को ही कानून और पुलिस समझ कर इंसाफ सड़क पर करता है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि गौ-तस्करी के आरोप में जिनको ये पकड़ता है उनको बुरी तरह मारपीट कर घायल करके पुलिस थाने भी लेकर जाता है और थाना उसकी ऍफ़आईआर दर्ज कर उन घायलों पर कार्यवाही करता है, मगर कभी मोनू मानेसर से नही पूछता कि तुम कौन होते हो ये इन्साफ करने वाले? हरियाणा एंड पंजाब हाई कोर्ट ने इसके पहले एक मामले में ऐसे काऊ प्रोटेक्शन फ़ोर्स वालो की मनमानी पर अपनी नाराजगी भी जताया था मगर इसका असर पुलिस पर शायद कुछ नही पडा है।
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