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अडानी ग्रुप्स के लिये झटको का शुक्रवार: S&P Dow Jones ने नोट जारी कर किया अडानी इंटरप्राइजेज को लिस्ट से बाहर, दुनिया के अमीरी लिस्ट में आये 21वे पायदान पर और NSE ने बढाई ग्रुप्स के 3 शेयर्स पर निगरानी

तारिक़ आज़मी

हिडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद जहा एक तरफ देश का सबसे बड़ा औद्योगिक घराना बनकर उभरे अडानी ग्रुप के शेयर लगातार मार्किट में गिरते जा रहे है। वही दूसरी तरफ इस डाउन फाल से बेहाल अडानी ग्रुप ने अपन्बे ऍफ़पीओ को वापस लेने का एलान कल ही कर दिया था। इसके बाद से मार्किट के जानकारो को उम्मीद थी कि शायद इन्वेस्टर्स का विश्वास अडानी ग्रुप दुबारा जीत सके। मगर हुआ ठीक इसके उलट ही और आज शुक्रवार अडानी ग्रुप के लिए काफी झटके लेकर आया।

आज पहला झटका अडानी ग्रुप को तब लगा जब अमेरिका शेयर बाजार ने गौतम अडानी की फ्लै​गशिप कंपनी को लिस्ट से हटाने का फैसला दिया। S&P Dow Jones Indices के एक नोट के अनुसार, Adani Group की प्रमुख कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज को 7 फरवरी, 2023 को बाजार खुलने पर Dow Jones सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से हटा दिया जाएगा। S&P Dow Jones Indices के एक नोट के अनुसार, अड़ानी ग्रुप  की प्रमुख कंपनी अडानी इंटरप्राइजेस को 7 फरवरी, 2023 को बाजार ओपन होने से डाउ जॉन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से हटा दिया जाएगा। नोट में कहा गया है कि अडानी इंटरप्राइजेज को स्टॉक में हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड के आरोपों का विश्लेषण करने के बाद इंडेक्स से हटाया जाएगा।

इस नोट का असर भारत की बाज़ार में दिखाई पड़ा जहा मार्किट ओपन होते ही अडानी इंटरप्राइजेज औंधे मुह गिर पड़ा। चंद ही मिनटों में 18 हज़ार करोड़ का इस शेयर ने नुक्सान सहा था। 1490 के आज दाम पर खुले इस शेयर ने खुलते के साथ ही गोते लगाना चालु किया और 11 बजे तक इसका दाम 1017 रुपया आ गया था। हालांकि बाद में शेयर में इन्वेस्टर्स ने रूचि दिखाई और लगातार गिरने के बाद आखिर लगभग 1680 रुपयों तक की अपनी उछाल दिखाई और मार्किट बंद होने के समय इसकी कीमत रूपये 1565 से कुछ ही ऊपर थी।

अडानी इंटरप्राइजेज के साथ हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद से सुर्खियों में है, जिसमें टैक्स हेवन का दुरुपयोग और खातो में छेड़छाड़ का आरोप अडानी ग्रुप पर लगा। जिसके बाद गौतम अडानी ने अपने बयान में इसको भारत पर योजनाबद्ध हमला करार देते हुवे रिपोर्ट को झूठा और मनगढ़ंत बताया था। इसके बाद भी मार्किट का भरोसा नहीं उठा और शेयर के दामों गिरावट का दौर जारी रहा। गौतम अडानी के बयानों पर हिडेनबर्ग ने जवाब में कहा था कि हम अपने रिपोर्ट पर कायम है और नियमो के अनुसार अगर गौतम अडानी अमेरिकन कोर्ट में केस करते है तो हमारे पास अपनी रिपोर्ट को सच बताने के मजबूत साक्ष्य है।

इन सबके बीच आरबीआई ने भी बैंको से डिटेल मांगी है कि अडानी ग्रुप को कितना लोन दिया गया है। अडानी समूह के तरफ से बयान जारी होते रहे मगर इसी दरमियान कल बृहस्पतिवार को ऍफ़पीओ जिसके फुली सब्सक्राइब होने का दावा अडानी ग्रुप ने किया था को वापस ले लिया। 20 हज़ार करोड़ जुटाने के लिए जारी ऍफ़पीओ वापस हो जाता है, जिसके वापसी हेतु गौतम अडानी ने कहा कि शेयर की कीमत में भारी गिरावट के बाद इस इश्यू को आगे बढ़ाना “नैतिक रूप से सही” नहीं होगा, लेकिन मजबूत कैश फ्लो और सुरक्षित संपत्ति के साथ बैलेंस शीट बहुत हेल्दी बनी हुई है। उन्होंने आगे कहा थास कि एफपीओ को रद्द किए जाने का मौजूदा और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

हिडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अब तक अगर देखे तो अडानी समूह को भारी नुक्सान हुआ है। मार्किट रिपोर्ट की माने तो 24 दिसंबर के बाद से अडानी ग्रुप की 7 लिस्टिड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 100 अरब डॉलर कम हो गया है, जो कि ग्रुप के लिए काफी बड़ा झटका है। वहीं अमेरिकी बैंकों क्रेडिट सुइस और फिर सिटी बैंक ने अडानी कंपनियों के बांड के बदले कर्ज से मना कर दिया है। जिसका मतलब है कि अडानी ग्रुप की साख ग्लोबली भी काफी कम हुई है। अगर बात देश की करें तो आरबीआई ने भी देश के बैंकों से जवाब मांगा है कि अडानी ग्रुप में कितना निवेश किया है। जिस पर एसबीआई ने 21 हजार करोड़ रुपये के निवेश करने की जानकारी दी है। दूसरी तरफ एलआईसी ने भी चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि उसके ऊपर इसका असर नही पड़ेगा। यानी अडानी ग्रुप घाटे में जाता है तो एलआईसी का दावा है कि उसको फर्क नही पड़ेगा।

यही नही दूसरी तरफ अडानी ब्लुम्बर्ग्स बिलिनियर इंडेक्स के अमीरी लिस्ट में लगातार पायदान उतरते ही जा रहे है। जहा दुनिया के टॉप 5 में स्थान पाने वाले अडानी ने इंडियन मीडिया में सुर्खियाँ बटोर था, वही अब वह महज़ एक सप्ताह में ही पायदान उतरते हुवे अब टॉप 20 लिस्ट से भी बाहर हो चुके है। महज़ एक सप्ताह में ही अडानी का साम्राज्य पूरी तरह से हिलता हुआ दिखाई दे रहा है। गौतम अडानी इस लिस्ट में 21 पायदान पर पहुच गए है। जबकि मुकेश अम्बानी इस वक्त 12वे पायदान पर है। ब्लूमबर्ग ने बताया है कि गौतम अडानी को पिछले 24 घंटे में ही 10.7 अरब डालर का नुक्सान हुआ है और उनके पास अब कुल संपत्ति 61.3 अरब डॉलर रह गई है।

अभी अडानी इस झटको से संभल ही रहे होंगे कि एक और बड़ी खबर ने उनको एक और झटका दिया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अडानी ग्रुप की 3 कंपनियों के शेयरों को शॉर्ट टर्म के लिए एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) में डाल दिया है। इससे अदानी ग्रुप के इन शेयरों को ASM  में शामिल करने का मकसद शेयरों में उतार-चढ़ाव को कम करना है। साथ ही इन स्टॉक्स पर निगरानी भी बढ़ जाएगी।  NSE ने अदानी ग्रुप 3 शेयर जिसमें अडानी एंटरप्राइसेज, अडानी पोर्ट और अबुंजा सीमेंट शामिल है को ASM में डाला है। इसके तहत कम से कम 50% मार्जिन लागू होगा और अधिकतम 100% तक संभव होगा। इसके तहत 3 फरवरी तक ओपन पोजीशन और 6 फरवरी से नए पोजीशन पर लागू होगा।

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