शाहीन बनारसी (इनपुट: सायरा शेख)
पुणे: देश में किसानों के हालात से कौन परिचित नहीं है। फसल का सही दाम ना मिलना, जमीन उपजाऊ ना होना, खाद के बढ़ते दाम। और भी बहुत से कारण हैं जो किसानों की समस्याओं को कम नहीं होने देते। ऐसे ही एक किसान की बदहाली दिखाती खबर आई है महाराष्ट्र से। महाराष्ट्र के सोलापुर के एक किसान को उस समय जबरदस्त झटका लगा जब उसे पता चला कि जिले के एक व्यापारी को उसके द्वारा बेची गई 512 किलोग्राम प्याज से केवल 2.49 रुपये मिले। इस प्याज को बेचने के लिए किसान को 70 किलोमीटर का सफ़र तक तय करना पड़ा था।
चव्हाण ने कहा कि व्यापारी ने मुझे 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से पेशकश की। उन्होंने कहा कि फसल का कुल वजन 512 किलोग्राम था और उन्हें उपज की कुल कीमत 512 रुपये मिली। किसान ने कहा, ‘‘509.51 रुपये की शुल्क कटौती के बाद मुझे 2.49 रुपये प्राप्त हुए। यह मेरा और राज्य के अन्य प्याज उत्पादकों का अपमान है। यदि हमें ऐसे दाम मिलेंगे, तो हम कैसे जीवित रहेंगे।” उन्होंने कहा कि प्याज किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलना चाहिए और प्रभावित किसानों को मुआवजा मिले।
चव्हाण ने दावा किया कि उपज अच्छी गुणवत्ता की थी, वही कई मीडिया हाउस ने उस व्यापारी का भी बयान लिया है जिसने प्याज खरीदा था। उसका कहना है कि यह निम्न श्रेणी की थी। ‘‘किसान केवल 10 बोरे लाया था और उपज भी निम्न श्रेणी की थी। इसलिए, उसे 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से दाम मिला। इसलिए सभी कटौती के बाद, उसे दो रुपये मिले।” साथ ही व्यापारी ने दावा किया कि ‘‘इसी किसान ने हाल के दिनों में मुझे 400 से अधिक बोरे प्याज बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया है। इस बार वह बची हुई उपज लेकर आए जो मुश्किल से 10 बोरी थी और चूंकि कीमतें कम हो गई हैं, इसलिए उन्हें यह दाम मिला है।”
दूसरी तरफ तुकाराम ने ये पैसे भी लेने से इंकार कर दिया है। तुकाराम को मिला चेक पोस्टडेटेड है और 15 दिन बाद इसका पैसा उनके खाते में आएगा। यानी 2 रुपया पाने के लिए तुकाराम को 15 दिन और इंतज़ार करना पड़ेगा। चूंकि बैंक में ‘पैसे’ को काउंट नहीं किया जाता तो 2 रुपए 49 पैसे का राउंड फिगर किया गया और तुकाराम के हिस्से आए सिर्फ 2 रुपये। अब अगर तुकाराम को इस पैसे को क्लेम करना है तो उन्हें ट्रेडर से चेक लेकर बैंक जाना होगा। लेकिन, तुकाराम ने प्याज के ये बचे पैसे लेने से ही मना कर दिया। उनका कहना है कि उन पेसौं की उन्हें जरुरत नहीं है। इन पैसों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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