शाहीन बनारसी
डेस्क: अपने गानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाली सिंगर नेहा सिंह राठौर ने हाल में अपने एक पूराने गाने ‘यू पी में का बा’ पार्ट 2 रिलीज किया, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर उनको ट्रोलर्स के साथ-साथ यूपी पुलिस का भी सामना करना पड़ गया। इस नोटिस के बाद युपी पुलिस खुद चर्चाओं का केंद्र बन गई और विपक्ष के निशाने पर आ गई। सभी विपक्षी दलों ने जमकर निशाना पुलिस और सरकार पर साधा।
जहां सिंगर ने यूपी में का बा, कानपुर में बाबा के डीएम भइल रंगबाज बा, गाने की एक-एक लाइनें सुनाईं और वह कार्यक्रम में मौजूद लोगों से पूछा कि ‘इसमें क्या खराब है, जो मुझे नोटिस भेजा गया है?’। इसी बीच नेहा से सवाल किया गया कि ‘क्या वे विपक्ष का मोहरा बन रही हैं?’। इस सवाल का जवाब देते हुए नेहा ने कहा कि ‘मेरी समझ से कवि, पत्रकार, लेखक को विपक्ष की भूमिका में ही रहना चाहिए। बहुत बड़े-बड़े लोग भेड़-बकरी की तरह आगे पीछे लगे हैं कि उन्हें इनाम मिल जाए’। उन्होंने आगे कहा कि ‘ऐसे में अगर एक लड़की बेरोजगारों और शोषित लोगों के लिए आवाज उठा रही है तो उससे परेशानी क्यों?’।
इस बीच एंकर ने कहा कि नेहा सिंह राठौर गाली देकर ही पॉपुलर होना चाहती हैं। इतना सुनते ही वह भड़क उठीं। कटाक्ष भरे लहजे में एंकर से कहने लगीं, “हमको लगता है कि आप यहां पर किसी पार्टी विशेष के प्रवक्ता के तौर पर बैठे हुए हैं, हम सरकार को गाली दे रहे हैं?” एंकर ने पूछा कि आपने डीएम को गाली नहीं दिया है? ये रंगबाज क्या होता है? नेहा ने तेज आवाज में अपनी बात रखते हुए कहा कि डीएम रंगबाज ही है। गीत के बाद कानपुर की घटना का जिक्र करने लगीं।
कार्यक्रम में एंकर के एक सवाल सरकार की चरण वंदना करने वालो को क्या मिल जाता है? के जवाब में नेहा ने कहा, “उनमें और मुझ में अंतर है, उन्हें पद्मश्री मिल जाता है और हमें नोटिस मिल जाता है।” नेहा सिंह से सवाल किया गया कि क्या वह कभी किसी सरकार से किसी भी प्रकार का पुरस्कार नहीं लेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि कल की बात करने के बजाय आज की बात करनी चाहिए। कल की बात का क्या भरोसा है? इस बीच उन्होंने एंकर पर चुटकी लेते हुए कहा कि आप लोग अपनी पिच पर बहुत लाना चाहेंगे लेकिन मैं आऊंगी ही नहीं।
कार्यक्रम में नेहा ने अपना यूपी में का बा एक बार फिर गाकर वहां मौजूद लोगों से पूछा कि ‘इसमें क्या खराब है, जो मुझे नोटिस भेजा गया है?’। इसी गाने पर उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद पुलिस कर्मियों से पूछा कि ‘भैया कुछ गलत गाया है क्या मैंने, कुछ गलत कहा है?’। इसके साथ ही नेहा ने आगे कहा कि ‘यूपी की पुलिस बहुत ही झूठी है। यूपी पुलिस ने हमारे साथ एक क्रिमिनल के जैसा व्यवहार किया है’। वहीं नेहा सिंह ने पुलिस प्रशासन से भागने के सवाल पर कहा कि ‘मैं कहीं भाग नहीं रही हूं। आज यहां लखनऊ मैं हूं। अगर कोई गलती की है तो गिरफ्तार करो। मेरी जज जनता है। लोग मेरे साथ हैं। पुलिस ने इतने ट्रिकी तरीके से सवाल किए हैं कि अगर में जवाब देती हूं तो भी फंसूंगी और अगर नहीं देती हूं तो भी। मैं अपने वकील से पूछकर जवाब दूंगी’।
बताते चले कि इस नोटिस प्रकरण में नेहा के समर्थन में कई समाजसेवक भी आ गये। साथ ही कई विपक्षी दलों ने भी नेहा सिंह का समर्थन करते हुवे इस नोटिस को गलत बताया है और नेहा को कानूनी लड़ाई में साथ देने के लिए कहा है। इसी दरमियान कल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और पीसीआई के पूर्व चेयरमैंन मारकंडे काटजू जो अपने प्रखर वक्तव्य के लिए अक्सर चर्चाओं में रहते है ने इस नोटिस को ही कानूनन अवैध बताते हुवे कहा है कि अदालत नेहा का साथ देगी।
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