तारिक़ आज़मी
नाम साहिल गहलोत, साहिल पर खड़ा हर एक इंसान अपने आपको महफूज़ समझता है। मगर ये गहलोत साहब का बेटा साहिल है। जिसने अपने पर मुतमईन एक नही दो ज़िन्दिगियो को ख़त्म कर दिया। लिव इन पार्टनर निक्की यादव जो एक देशभक्त परिवार से ताल्लुक रखती है का क़त्ल किया। उसकी डेड बॉडी के साथ 35 किलोमीटर का सफ़र कार से किया। फिर दाबे के फ्रीज़र में लाकर उस मर चुके जिस्म को ठूस दिया। निक्की ने भी इस साहिल के साथ खुद को महफूज़ समझा होगा। मगर महफूज़ तो नही रही वो और आखिर दुनिया से उसके नाम-ओ-निशाँ का खात्मा ही इसी साहिल ने कर डाला।
दिल्ली पुलिस ख़ामोशी के साथ एक दावा तो कर रही है कि 10 फरवरी से 13 फरवरी तक साहिल “यह पता लगाने की कोशिश कर रहा था कि शव को कैसे ठिकाने लगाया जाए।” एक अधिकारी ने दबी जुबांन में बताया कि “साहिल के भागने की कोई योजना नहीं थी क्योंकि इससे और अधिक संदेह पैदा होता। उसकी थाली में भी बहुत कुछ था क्योंकि उसकी अभी-अभी शादी हुई थी। पूछताछ के दौरान, उसने कहा कि वह समझ नहीं पा रहा था कि उसे डेड बॉडी के साथ क्या करना चाहिए?
इन सबके बीच संवेदनाये तो बेशक निक्की के साथ है। निक्की जिस साहिल का साथ पाकर खुद को महफूज़ कर रही थी, वह साहिल ही उसको डूबा बैठा। मगर एक और बेटी की ज़िन्दगी इस साहिल ने बर्बाद कर दिया। वह है साहिल की पत्नी। उस बेटी के दिल पर अभी क्या गुज़र रही होगी यह वह जानती होगी या फिर रब जानता होगा। शादुशुदा ज़िन्दगी की ताय्दात घंटो में है। माँ बाप ने उसके ज़िन्दगी की तमाम अरमानो के साथ उसकी शादी करवाया। अपने सपनो का शहजादा पाकर वह कितने लम्हे खुश रह सकी। शायद चंद लम्हे भी तो नही। आज पति को वह परमेश्वर की नजर से देखे या फिर शैतान की नज़र से खुद ही इसका फैसला नही कर पा रही होगी। इन घंटो की शादीशुदा ज़िन्दगी में पति सलाखों के पीछे और दामन पर उसके उसकी प्रेमिका के खुद का धब्बा। उसका मुस्तकबिल क्या होगा? बेशक ऐसे साहिल सैलाबों में डूबने चाहिए, ऐसे साहिल को कानून सख्त से सख्त और जल्द से जल्द सज़ा दे इसकी हम उम्मीद कर सकते है।
तारिक आज़मी डेस्क: संभल की शाही जामा मस्जिद को श्रीहरिहर मंदिर बताने को लेकर पहली…
मो0 सलीम डेस्क: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भारतीय…
मो0 कुमेल डेस्क: महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में बुधवार यान 20…
तारिक खान डेस्क: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले बहुजन विकास अघाड़ी के…
ईदुल अमीन वाराणसी: गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने…
माही अंसारी डेस्क: मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है। जिरीबाम…