रेहान अहमद
डेस्क: उमेश पाल ट्रिपल मर्डर केस में पुलिस को कोई बड़ी सफलता तो हाथ अभी तक नहीं लगी है। मुख्य शूटर पुलिस से एक नही बल्कि कई कदम आगे चल रहे है। घटना को अंजाम देने के बाद जब शूटर लखनऊ छोड़ कर फरार हो जाते है तब पुलिस उस अड्डे का पता लगा पाती है जहा जाकर लखनऊ ने शूटर ठहरे थे। वही जब वह बहराईच में थे, उस समय पुलिस तार बहराईच का नही जोड़ पाई और जब वह वहा से भी फरार हो गए तब पुलिस को यह जानकारी हासिल होती है कि घटना को अंजाम देने वाले शूटर बहराईच के एक होटल में ठहरे थे।
वर्ष 2005 में हुई राजू पाल हत्याकांड में अब्दुल कबि शामिल था मगर पुलिस उसको आज 17 सालो तक गिरफ्तार नही कर सकी है। उमेश पाल हत्याकांड में भी अब्दुल कवि नामज़द है जिसकी तलाश अब पुलिस एक बार फिर कर रही है। पुलिस ने राजू पाल हत्याकांड में फरार हुवे अब्दुल कवि पर इनाम भी घोषित किया था। जिसको अब बढा कर पुरे 50 हज़ार कर दिया गया है। कौशाम्बी पुलिस ने अब्दुल कवि की तस्वीर जारी करके इलान किया है कि जो भी इसके सम्बन्ध में पुखता जानकारी देगा उसको 50 हज़ार इनाम दिया जायेगा। इस सम्बन्ध में कल रविवार को पुलिस ने अब्दुल कवि की तस्वीर के साथ पोस्टर भी जारी किया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कौशांबी जिले के सराय अकिल क्षेत्र के भखंदा गांव निवासी अब्दुल कवि पर पहले 25 हजार का इनाम घोषित था, उसके बाद यह राशि बढ़कर 50 हजार कर दिया गया है। पुलिस को इसकी तलाश लंबे समय से है। कौशांबी पुलिस ने इसकी तस्वीर रविवार को जारी की है। जाँच एजेंसियों को मिल रहे इनपुट्स में यह बात भी सामने आई है कि गुजरात की जेल में बंद माफिया अतीक अहमद कई वारदात में अपने पुराने भरोसेमंद शूटर्स की मदद लेता है। अतीक का एक ऐसे ही शूटर अब्दुल कवी है जो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की 2005 में की गयी हत्या के बाद से पुलिस की पकड़ से बाहर है। घटना के बाद सीबीआई ने अदालत के आदेश पर राजू पाल हत्याकांड की नए सिरे से जांच के बाद 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की तो उसमें अब्दुल कवि का भी नाम शामिल था।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अतीक अहमद और उसके परिजन को संरक्षण देने वालों और उसके नजदीकियों के खिलाफ छेडे गये अभियान में अब्दुल कवि के होने के प्रमाण मिले। पिछले दिनों कवि के भखन्दा स्थित करीब तीन करोड़ रूपए की लागत से तैयार मकान को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया। इस दौरान पुलिस ने मकान से 315 बोर के पांच तमंचा, 312 बोर का एक तमंचा और तीन चापड़ बरामद किए थे। पीडीए का कहना था कि इस मकान का नक्शा तैयार नहीं था। सूत्रों ने बताया कि अवैध असलहा रखने के आरोप में पुलिस ने अब्दुल कवि के भाई अब्दुल कादिर को शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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