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मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड 5 दिन और बढ़ी, सिसोदिया के अधिवक्ता ने अदालत से कहा ‘ईडी क्या सीबीआई के प्राक्सी रूप में काम कर रही है, पूछताछ का सिर्फ दिखावा हो रहा है,’ जाने अदालत में क्या हुई जिरह

तारिक़ खान

दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में आज सुनवाई हुई है। जहां कोर्ट ने सिसोदिया की रिमांड वाली मांग पर फैसला सुनाते हुए 5 दिन की रिमांड और बढ़ा दी। ईडी ने सिसोदिया को 7 दिन और रिमांड पर भेजने की अर्जी अदालत से लगाया था। ये सुनवाई।

बताते चले कि दिल्ली के पूर्व सीएम मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति में बदलाव कर कथित घोटाले के आरोप में 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान ही ईडी ने मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया था। ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया से तिहाड़ जेल में पूछताछ भी की थी।

गिरफ्तारी के बाद ईडी ने मनीष सिसोदिया को कोर्ट में पेश किया था, जहां कोर्ट ने उन्हें ईडी की रिमांड में भेज दिया था। अब कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की रिमांड 5 दिन के लिए और बढ़ा दी है। आज अदालत में हुई जिरह के दरमियान मनीष सिसोदिया के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुवे कहा कि ‘अभी तक 7 दिनों में सिर्फ 11 घंटे ही पूछताछ हुई और सिर्फ 4 लोग से आमना-सामना कराया गया है।’ क्या किसी कमरे में इधर से उधर बैठाना जांच होती है? कोर्ट में पेश करने से पहले जांच एजेंसी आखिरी दिन पूछताछ का दिखावा करती है।’

सिसोदिया के अधिवक्ता ने जिरह के दरमियान सवाल किया कि ‘ईडी को बताना चाहिए कि अब तक क्या जांच की गई है? इस पर ईडी के वकील ने मनीष के वकील के तर्क का विरोध किया और कहा कि रोज 5 से 6 घंटे पूछताछ की जा रही है। जिस पर सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई के द्वारा ऍफ़आईआर दर्ज करने के कुछ दिन के भीतर अगस्त 2022 में ईसीआईआर दर्ज किया गया, कम्प्यूटर को जब्त कर उसकी जांच की गई और अब दूसरी एजेंसी उसी प्रक्रिया को दोहराना चाहती है। सिसोदिया के वकील ने ईडी की रिमांड बढ़ाने की मांग का विरोध किया और कहा कि क्या ईडी, सीबीआई की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है। ईडी को बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हुआ, यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ? अन्य आरोपियों से आमना-सामना कराने के लिए हिरासत की जरूरत नहीं होती है, समन जारी कर ऐसा कराया जा सकता है।’

मनीष सिसोदिया के वकील के तर्क पर ईडी के वकील ने कहा कि “दो लोगों को 18 और 19 मार्च को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है। जो ईमेल और मोबाइल डेटा मिला है, उसी के बारे में आमना-सामना करवाना है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ईमेल जैसा डाटा का कंफ्रंट तो आप जेल में भी करवा सकते हैं। इसके जवाब में ईडी ने कहा कि जांच अभी अहम मोड़ पर है, अगर अभी हिरासत नहीं मिली, तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी और आरोपी की पूछताछ सीसीटीवी की निगरानी में कराई जा रही है। ईडी ने कोर्ट से कहा कि ‘कुछ तथ्य सामने आए हैं। मोबाइल डेटा रिट्रीव किया गया है, जो कि बहुत ज्यादा है। सिसोदिया के क्लाउड से 1.23 लाख ईमेल डंप मिला है। icloud डेटा भी रिट्रीव किया गया है। इन सबको लेकर पूछताछ करनी है।’

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