शाहीन बनारसी
डेस्क: राहुल गाँधी की संसद से सदस्यता समाप्त किये जाने के मुद्दे ने विदेशी अखबारों की भी सुर्खिया बटोरी है। कई अखबारों ने अपने एडिटोरियल कालम में इस मुद्दे को जगह दिया है। तो कई अखबारों के सुर्खियों में यह मामला रहा है। आइये आपको कुछ प्रमुख विदेशी अखबारों के सुर्खियों के सम्बन्ध में बताते है।
अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट ने इस कार्रवाई पर अपने खबर का शीर्षक दिया है “भारत ने मोदी के आलोचक राहुल गांधी को संसद से निकाला”। अखबार ने खबर में लिखा है कि भारत के मुख्य विपक्षी नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े आलोचक को शुक्रवार को संसद से निष्कासित कर दिया गया। ये कार्रवाई मानहानि मामले में कोर्ट से दो साल की सजा मिलने के बाद हुई है। राहुल गांधी ने एक भाषण में ‘मोदी सरनेम’ को लेकर मजाक उड़ाया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज हुआ था। अखबार ने आगे लिखा है, राहुल गांधी ने खुद को मोदी सरकार के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में प्रोजेक्ट किया, लेकिन उनकी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी पिछले दो आम चुनावों में बेहद खराब प्रदर्शन कर रही है। पिछले साल राहुल गांधी ने मोदी सरकार और उनके नेतृत्व में बढ़ रहे हिंदू राष्ट्रवाद के खिलाफ देश भर में एक यात्रा की अगुवाई की थी।
“संसद से राहुल गांधी को निष्कासित कर मोदी के सहयोगियों ने मुख्य विपक्षी को खत्म किया”: द न्यूयार्क टाइम्स
एक और अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने शीर्षक दिया है- “संसद से राहुल गांधी को निष्कासित कर मोदी के सहयोगियों ने मुख्य विपक्षी को खत्म किया” अखबार ने लिखा है कि चार साल पहले राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए उन्हें एक खतरनाक हिंदू राष्ट्रवादी बताया था और कहा था कि अगर वे सत्ता में रहते हैं तो देश का लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। 2019 के मोदी लहर में राहुल गांधी और उनकी पार्टी बुरी तरह हार गई। शुक्रवार को, मोदी के सहयोगियों ने काम को पूरा कर दिया। अधिकारियों ने आपराधिक मानहानि मामले में दोषी पाए जाने के एक दिन बाद राहुल गांधी को संसद से अयोग्य करार दे दिया। अखबार आगे लिखता है कि देश में आम चुनाव अगले साल ही होने हैं। ये मानहानि केस राहुल गांधी और कांग्रेस को सालों की कानूनी लड़ाई में डाल सकता है। अपने प्रतिद्वंद्वियों और विरोध की आवाज को दबाने के लिए मोदी के सहयोगियों की ये सबसे बड़ी कार्रवाई है। अगले साल चुनाव से पहले इसे सत्ता की बड़ी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
“मानहानि केस में सजा के बाद भारत के विपक्षी नेता को संसद से निष्कासित किया गया”: द गार्डियन
ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ ने शीर्षक दिया है- “मानहानि केस में सजा के बाद भारत के विपक्षी नेता को संसद से निष्कासित किया गया” ‘द गार्डियन’ ने खबर में कांग्रेस और बीजेपी नेताओं का पक्ष रखा है। अखबार लिखता है- अगर उच्च अदालत राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाती है तो वह दोबारा लोकसभा सदस्य बन जाएंगे। मोदी की बीजेपी सरकार पर आलोचकों को चुप कराने और निशाना बनाने के लिए कानून के इस्तेमाल का आरोप लगता रहा है। अयोग्य करार दिए जाने के बाद राहुल गांधी के लोकसभा क्षेत्र वायनाड में उपचुनाव कराने होंगे। उनका राजनीतिक भविष्य फिलहाल साफ नहीं है।
“मोदी ‘चोर’ टिप्पणी पर राहुल गांधी को भारत की संसद से निष्कासित किया गया”: द इंडिपेंडेंट
एक और ब्रिटिश मीडिया संस्थान ‘द इंडिपेंडेंट’ ने इस घटनाक्रम को भारत के विपक्ष के लिए बड़ा झटका बताया है। शीर्षक दिया है- “मोदी ‘चोर’ टिप्पणी पर राहुल गांधी को भारत की संसद से निष्कासित किया गया” अख़बार में लिखा है कि राहुल गांधी मानहानि मामले में सजा को चुनौती दे सकते हैं। संसद से अयोग्य होना, भारत के विपक्षी दल के सबसे हाई प्रोफाइल नेताओं में एक गांधी के लिए बड़ा झटका है। भारत में अगले साल आम चुनाव होने हैं। ‘द इंडिपेंडेंट’ ने राहुल गांधी के ट्वीट का भी जिक्र किया है जिसमें उन्होंने लिखा था, “मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।”
मोदी सरकार पर आलोचकों को निशाना बनाने और उन्हें चुप कराने के लिए कानून का इस्तेमाल: रेडियो फ़्रांस इंटरनेशनल
रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल ने खबर की चर्चा करते हुए लिखा है कि मोदी सरकार पर आलोचकों को निशाना बनाने और उन्हें चुप कराने के लिए कानून के इस्तेमाल का आरोप लगता है। ये केस प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में हाल के सालों में उनके मुख्य विरोधियों के खिलाफ दर्ज मामलों में एक है।
“भारत: विपक्ष के राहुल गांधी को संसद से अयोग्य करार दिया गया”: डायचे वेले
वहीं, जर्मन मीडिया डॉयचे वेले (DW) ने शीर्षक दिया है- “भारत: विपक्ष के राहुल गांधी को संसद से अयोग्य करार दिया गया”। DW ने कांग्रेस नेताओं के हवाले से लिखा है कि राहुल गांधी के खिलाफ यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है।
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