मो0 कुमेल
कानपुर: कानपुर के करौली बाबा एक बार फिर चर्चा का केंद्र बने हुवे है। पहले किसान नेता, उसके बाद नेतागिरी में फेल होने के बाद करौली बाबा उर्फ़ संतोष सिंह भदौरिया बाबा बन गये और कानपुर में 14 एकड़ में फैला आश्रम बना डाला। रोज़ 3-4 हजार भक्तो के कष्टों का निवारण अपने दैवीय शक्ति से करने का दावा करने वाले करौली बाबा इस बार चर्चा में एक चिकित्सक के साथ मारपीट को लेकर है।
करौली बाबा के खिलाफ उनके ही एक भक्त ने ऍफ़आईआर दर्ज करवाई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि बाबा के बाउंसर्स ने उनके साथ मारपीट की है। नोएडा के रहने वाले डॉ0 सिद्धार्थ चौधरी पेशे से डॉक्टर हैं। सिद्धार्थ ने चमत्कार करने का दावा करने वाले करौली बाबा के दरबार में घरेलू समस्या का समाधान न होने की शिकायत की। सिद्धार्थ का आरोप है कि इससे नाराज़ होकर बाबा के बाउंसरों ने उन्हें लात, घूसों और लोहे की सरिया से बुरी तरह पीट डाला।
लेकिन करौली बाबा उर्फ़ बाबा संतोष सिंह भदौरिया का कहना था कि हमारे यहां कोई मारपीट नहीं होती है, हमारे आश्रम को बदनाम करने के लिए क्षेत्र के ही कुछ लोग आरोप लगाते हैं, हमारे आश्रम की बढ़ती लोकप्रियता से कुछ लोगों को जलन होती है। मगर बाबा शायद इस बात को नही जान रहे होंगे कि उनके आश्रम में हुवे इस कृत्य का वीडियो भी बना है और वीडियो में साफ़ साफ़ डाक्टर के साथ मारपीट होती दिखाई दे रही है। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
पत्रकार पीयूष राय ने अपने ट्विटर अकाउंट से ये वीडियो पोस्ट किया है। देखें इस वीडियो में डॉक्टर सिद्धार्थ, संतोष सिंह से अपने गार्डों को समझाने रखने को कह रहे हैं, और संतोष सिंह कह रहे हैं कि इस पागल को बाहर निकालो। इतने में बाबा के कुछ लोग डॉक्टर सिद्धार्थ को पकड़कर मारते हुए ले जाते दिखाई दे रहे हैं। इसके पहले दोनों में क्या बहस हुई ये स्पष्ट नहीं है। हालंकि 32 सेकंड के इस वीडियो में संतोष सिंह उर्फ़ करौली बाबा को कई बार सिद्धार्थ को ‘पागल’ बोलते सुना जा सकता है।
कौन है करौली बाबा
संतोष सिंह भदौरिया किसान नेता थे। इसके बाद वह किसना नेता से महज़ नेता बने और जब यह भी काम सफल नही हुआ तो वह नेता से बाबा बन गए। संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प है। 90 के दशक में संतोष सिंह कई घटनाओं में गंभीर धाराओं में आरोपी थे। इसके बाद धीरे-धीरे किसानों के नेता बन गए। किसानों को पुलिस से छुड़ाने के आरोप में संतोष सिंह जेल भी गए। जेल से आने के बाद लोकप्रिय हो गए।
युएपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे श्रीप्रकाश जायसवाल खासे मेहरबान हुवे संतोष सिंह के ऊपर और उन्होंने संतोष सिंह को कोयला निगम का चेयरमैन बना दिया था। लेकिन विवाद हुआ तो चेयरमैन का पद भी चला गया। अब जब राजनीति में संतोष सिंह असफल हो गये तो वह अचानक गायब हो गए। फिर दुबारा लौट कर आये तो संतोष सिंह नेता से बाबा बन चुके थे। उन्होंने अपना नया नामकरण करौली बाबा के रूप में किया। करौली बाबा उर्फ़ संतोष सिंह का कानपुर में एक बड़ा आश्रम है। ये आश्रम 14 एकड़ में फैला बताया जाता है। आश्रम में हर रोज़ क़रीब 3-4 हजार भक्त पहुंचते हैं। संतोष सिंह उर्फ़ करौली बाबा का दावा है कि उनके पास दैवीय शक्ति है और वह भक्तो के कष्टों का निवारण करते है।
ऐसे ही उनके एक भक्त थे डाक्टर साहब, जिनके कष्टों का निवारण नही हुआ तो उन्होंने बाबा से कहा कि बाबा कष्टों का निवारण नही हुआ। उसके बाद डाक्टर साहब को शारीरिक कष्ट इतना अधिक हो गया कि अब शायद उनको पहले के कष्ट याद ही नही होंगे। डाक्टर साहब ने ऍफ़आईआर करवा दिया है। पुलिस अभी मामले की विवेचना कर रही है।
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