Bihar

फेक न्यूज़ चलने पर दर्ज हुआ था युट्यूबर मनीष कश्यप पर मुकदमा, कथित ट्वीटर से ट्वीट करके कहा गिरफ़्तारी की झूठी बात तो बिहार पुलिस ने दर्ज किया एक और ऍफ़आईआर, जाने कौन है मनीष कश्यप और क्या है उनका पक्ष

ए0 पाण्डेय/अनिल कुमार

तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की कथित पिटाई और हमले को लेकर आई फेक न्यूज की थमने का नाम नही ले रही है। वही दूसरी तरफ तमिलनाडु पुलिस और बिहार पुलिस सख्ती के साथ कार्यवाही भी कर रही है। मगर कई अफवाहबाज़ी के माहिर लोगो को फिर भी इसका असर पड़ता नही दिखाई दे रहा है। इसी फेक न्यूज़ को वायरल करने में बिहार के एक युट्यूबर मनीष कश्यप पर मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमे गिरफ़्तारी अभी नही हुई है और पुलिस मामले की जाँच कर रही है।

अब वही मनीष कश्यप के तरफ से खुद की गिरफ़्तारी हेतु कथित ट्वीट ने उनकी मुसीबतों में इजाफा करने का इशारा दे दिया है। मनीष कश्यप ने मजदूरों की पिटाई के फेक न्यूज़ पर दर्ज मुक़दमे पर एक और कथित ट्वीट किया जिसका संज्ञान लेकर बिहार पुलिस ने एक और मुकदमा उनके ऊपर दर्ज कर लिया है। मनीष कश्यप ने एक तस्वीर अपनी शेयर कथित रूप से ट्वीट किया था कि बिहार पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया है। मगर बिहार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया नही था।

मनीष कश्यप (@ManishKashyap43) नाम के एक ट्विटर यूजर ने मनीष की गिरफ्तारी को लेकर ट्वीट किया। इसमें लिखा गया है, “मुझे खुशी है कि मैं अपने बिहारवासियों के लिए जेल जा रहा हूं। कल रात 8 बजे मुझे गिरफ्तार किया गया। बिहार की जनता देख रही है कैसे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालों को जबरन दबाया जाता है। मैं ना रुका था, ना रुकूंगा। वापस आऊंगा जल्द ही। जय हिन्द।” इस ट्वीट के बाद एक्शन मोड़ में आई बिहार पुलिस ने जवाब दिया और कहा कि गिरफ्तारी की बात भ्रामक है। साथ में लिखा है कि फर्जी वीडियो फैलाने के आरोपी मनीष कश्यप द्वारा नए ट्विटर हैंडल पर अपनी गिरफ्तारी की फोटो पोस्ट की गई जो पूरी तरह गलत है। पुलिस ने कहा कि इस भ्रामक पोस्ट के लिए दोबारा ऍफ़आईआर दर्ज की जा रही है। बिहार पुलिस के मुताबिक यह फोटो 5 फरवरी 2019 की है जब मनीष कश्यप को पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

कौन है मनीष कश्यप

मनीष कश्यप एक युट्यूबर है। बिहार पुलिस की माने तो उसके ऊपर पहले से ही आधा दर्जन मुक़दमे दर्ज है। खुद को पत्रकार बताने वाले मनीष कश्यप के खिलाफ पहले भी कई केस दर्ज हो चुके हैं। साल 2020 में मनीष ने बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उस दौरान उन्होंने जो चुनावी हलफनामा जमा किया था उसके मुताबिक, उन पर कुल 6 मामले दर्ज हैं। इनमें समूह में इकठ्ठा होकर मारपीट, रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और धोखाधड़ी जैसे गंभीर मामले भी हैं। मनीष को कई बार गिरफ्तार भी किया गया है। लेकिन किसी मामले में सजा नहीं हुई है।

क्या हकीकत क्या है फ़साना

बिहार पुलिस ने गिरफ्तारी की बात करने वाले इस अकाउंट को मनीष कश्यप का नया ट्विटर हैंडल बता रही है। हालांकि ये साफ नहीं है कि ये मनीष कश्यप का ही दूसरा अकाउंट है। बिहार पुलिस के ट्वीट में साफ नहीं है कि वो दोबारा FIR किसके खिलाफ दर्ज करेगी। ट्विटर पर मनीष कश्यप नाम से कई अकाउंट दिख रहे हैं। जिस आईडी (@manishkashyap43) से गिरफ्तारी की बात कही गई, वो अब दूसरे नाम से दिख रहा है। उस ट्विटर हैंडल पर अब “फेक अकाउंट” लिखा है। अकाउंट के बायो में लिखा है, “ये मनीष कश्यप का फैन पेज है। फर्जी फोटो पोस्ट करने के लिए माफ कर दीजिये। प्लीज सर मुझे माफ कर दीजिए। मैं वादा करता हूं कि अब इस तरह का काम कभी नहीं करूंगा।”

क्या है मनीष कश्यप का पक्ष

इससे पहले मनीष कश्यप ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बिहारी मजदूरों पर कथित हमले को लेकर कई ट्वीट किए थे। बिहार पुलिस ने मजदूरों की पिटाई के वीडियो को झूठा बताया था और मनीष कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसके बाद मनीष कश्यप का वेरिफाइड अकाउंट ट्विटर से हट गया था। अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद मनीष कश्यप ने कहा था कि उनसे पहले कई प्रमुख मीडिया हाउस बिहारी मजदूरों की ‘पिटाई’ की खबर चला चुके थे। लेकिन पुलिस केवल उन्हें निशाना बना रही है।

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