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इस देश के लोकतंत्र को हमारे परिवार ने अपने खून से सीचा है, हम इसको ऐसे खत्म होने नही देंगे: प्रियंका गांधी

तारिक़ खान

डेस्क: कल रविवार को दिल्ली के राजघाट पर कांग्रेस द्वारा आयोजित सत्याग्रह में मौजूद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुवे प्रियंका गांधी ने जमकर प्रधानमन्त्री और केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को ‘कायर’ कहा और कहा कि वह सवालो से डरते है। डरते नही होते तो सवालो का जवाब देते।

प्रियंका गांधी ने अपने पिता राजीव गाँधी की शव यात्रा का स्मरण करते हुवे कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से हम सभी एक कार में थे और राहुल जिद करके कार से उतर गए और पैदल शव यात्रा के साथ यहाँ राजघाट आये। यही मेरे पिता का उन्होंने अंतिम संस्कार किया। यही 500 गज दुरी पर ही मेरे पिता का अंतिम संस्कार हुआ था। इस देश के लोकतंत्र को मेरे परिवार ने अपने खून से सींचा है। साथ ही प्रियंका गांधी ने केंद्र के मंत्रियों द्वारा गांधी परिवार का अपमान किए जाने का मुद्दा भी उठाया।

संकल्प सत्याग्रह में बोलते हुवे प्रियंका गान्धी ने कहा कि मेरे पिता के अंतिम संस्कार की वह तस्वीर मेरे दिमाग में अभी भी है। मेरे पिता का शव इस तिरंगे में लपेटा गया था। उसके पीछे चलते-चलते मेरा भाई यहां तक आया था। शहीद पिता का अपमान भरी संसद में किया जाता है। शहीद के बेटे को आप देशद्रोही और मीर जाफर कहते हैं उसकी मां का अपमान करते हैं। आप (केंद्र सरकार) के मंत्री भरी संसद में मेरी मां का अपमान करते हैं। एक मंत्री कहते हैं कि राहुल गांधी को पता नहीं है कि उसके पिता कौन हैं। इसके आगे प्रियंका ने कहा, ‘प्रधानमंत्री गांधी परिवार के लिए कहते हैं कि ये नेहरू उपनाम का इस्तेमाल क्यों नहीं करते? आप पर तो कोई केस नहीं होता, आपकी सदस्यता रद्द नहीं होती।’

प्रियंका ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, एक बेटा बाप के मरने पर परिवार की पगड़ी पहनता है और परंपरा आगे बढ़ाता है। सरकार के लोग अपमान करते हैं, लेकिन उन पर कोई मुकदमा नहीं होता, उनको कोई सजा नहीं होती। उनको कोई संसद से बाहर नहीं निकलता। उनको कोई नहीं कहता कि वे सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकते। प्रियंका ने कहा, वे हमारे परिवार का अपमान करते गए। संसद में मेरे भाई ने मोदी जी को गले लगाया और कहा कि मैं आपसे नफरत नहीं करता हूं। हमारी विचारधारा अलग है, लेकिन हमारी नफरत की विचारधारा नहीं है।

क्या यही इस देश की परंपरा है। अगर आप परिवारवादी कहते हैं तो भगवान राम कौन थे? भगवान राम को वनवास भेजा गया, लेकिन उन्होंने अपने परिवार और धरती के प्रति अपना फर्ज निभाया। तो क्या भगवान राम परिवारवादी थे। क्या पांडव परिवारवादी थे जो अपने परिवारों के संस्कार के लिए लड़े। क्या हमें शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के सदस्य इस देश के लिए शहीद हुए।

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