तारिक़ आज़मी
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के एक बयान जिसमे उन्होंने महात्मा गाँधी के सम्बन्ध में बोलते हुवे कहा था कि महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नही थी पर अब सियासी हडकंप के बीच महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के इस दावे को खारिज करते हुवे ट्वीट के माध्यम से उनको जवाब दिया है कि राष्ट्रपिता के पास डिग्री थी। एक नही दो मैट्रिक के अलावा लन्दन विश्वविद्यालय से कानून की भी डिग्री थी।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को जवाब देते हुवे तुषार गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘महात्मा गांधी के पास मैट्रिक की दो डिग्रियां हैं। पहली अल्फ्रेड हाई स्कूल राजकोट से है और ऐसी दूसरी डिग्री लंदन की है। उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय से संबद्ध एक लॉ कॉलेज, इनर टेंपल से कानून की डिग्री का अध्ययन और परीक्षा उत्तीर्ण की और साथ ही लैटिन और फ्रेंच में एक-एक डिप्लोमा प्राप्त किए हैं। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल को शिक्षित करने के लिए यह जानकारी दी जा रही है।’
सिन्हा की टिप्पणी की निंदा करते हुए तुषार गांधी ने ट्वीट किया, ‘मैंने बापू की आत्मकथा की एक प्रति राजभवन जम्मू को इस उम्मीद के साथ भेजी है कि अगर उपराज्यपाल पढ़ सकते हैं तो वह खुद को शिक्षित करेंगे।’
इस सम्बन्ध में दैनिक भास्कर ने विस्तार से खबर लिखी है। दैनिक भास्कर ने तुषार गांधी से बात किया जिसमे दैनिक भास्कर ने उनके बयान का हवाला देते हुवे कहा है कि तुषार गांधी ने उनसे बात करते हुवे कहा कि ‘जाहिलों को राज्यपाल बना देंगे तो यही नतीजा होगा। उनके पास लॉ की डिग्री थी, लेकिन इसकी एन्टॉयर लॉ डिग्री जरूर नहीं थी। जैसी मोदी जी के पास पॉलिटिकल साइंस की एन्टॉयर लॉ डिग्री है।’ उन्होंने इस अख़बार से आगे कहा कि बापू ने अपनी शिक्षा से लेकर जीवन से जुड़ी हर बात अपनी आत्मकथा में लिखी है। इसकी एक प्रति मैं मनोज सिन्हा को भेज दूंगा, ताकि वे अपनी समझ बढ़ा सकें।
बताते चले कि मनोज सिन्हा ने बीते 24 मार्च को आईटीएम ग्वालियर में डॉ0 राम मनोहर लोहिया स्मृति व्याख्यान में एक कार्यक्रम के दौरान गांधीजी की शैक्षिक योग्यता के बारे में बात की थी। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा था, ‘यह भ्रांति है कि गांधी जी के पास कानून की डिग्री थी। क्या आप जानते हैं कि उनके पास एक भी विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं थी? उनकी एकमात्र योग्यता हाई स्कूल डिप्लोमा थी। उन्होंने कानून का अभ्यास करने की योग्यता प्राप्त की, लेकिन उनके पास कानून की डिग्री नहीं थी। उनके पास कोई डिग्री नहीं थी, लेकिन वह कितने पढ़े-लिखे थे।’
उन्होंने कहा था, ‘गांधी ने देश के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन जो कुछ भी हासिल हुआ, उसका केंद्र बिंदु सत्य था। उनके जीवन के तमाम पहलुओं पर गौर करें तो उनके जीवन में सत्य के अलावा कुछ भी नहीं था। चाहे कितनी भी चुनौतियां हों, महात्मा गांधी ने कभी भी सत्य का परित्याग नहीं किया और अपनी अंतरात्मा की आवाज को पहचाना। नतीजतन, वह राष्ट्रपिता बने। ’
भारत राष्ट्र समिति के सोशल मीडिया प्रमुख वाई0 सतीश रेड्डी ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल कहते हैं कि महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री नहीं। क्या कोई उनकी अज्ञानता को दूर कर सकता है कि गांधी जी एक बैरिस्टर थे और यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन से कानून का अध्ययन किया था!’
आप विधायक नरेश बालयान ने एक कहा, ‘ये लोग इतने बड़े पद पर होने के बाद भी मूर्खतापूर्ण बातें कैसे कर लेते हैं? इन्हें उपराज्यपाल कोई बताए की गांधीजी बैरिस्टर थे और लंदन से लॉ की पढ़ाई की थी।’
कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को डिग्री व्यापमं के माध्यम से नहीं मिली, जिनकी डिग्रियां चर्चा में हैं। उन पर तो कुछ बोलिए? गांधी के घुटनों तक भी जो नहीं लगते हैं, वे गांधी पर सवाल उठाएं? वे विदेश बम बनाने का प्रशिक्षण लेने नहीं गए थे?’
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