तारिक़ खान
प्रयागराज: प्रयागराज के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में सीसीटीवी फुटेज के ज़रिये शिनाख्त में आया आरोपी शूटर अरमान पुलिस के पकड से ऐसा फरार रहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस को चकमा देते हुवे बिहार जा पंहुचा और किसी पुराने मामले में अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। वैसे तो इस समाचार की पुष्टि प्रयागराज के किसी पुलिस अधिकारी ने नही किया है। मगर मीडिया रिपोर्ट में ऐसा दावा किया जा रहा है।
अमर उजाला ने इस सम्बन्ध में समाचार का प्रकाशन करते हुवे लिखा है कि ‘विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल की हत्या के आरोपी शूटर अरमान ने बृहस्पतिवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। अरमान के कोर्ट में समर्पण करने से पुलिस को तगड़ा झटका लगा है। पुलिस और एसटीएफ की दस से अधिक टीमें शूटरों की तलाश में हर जगह खाक छान रही हैं, लेकिन पुलिस को चकमा देकर अरमान ने बिहार में आत्मसमर्पण कर दिया।‘
अपुष्ट सूत्रों के हवाले से आई जानकारी पर उत्तर प्रदेश पुलिस के जानिब से कोई भी बयान अभी तक सामने नहीं आया है. मगर खबरिया साईट एमएसएन न्यूज़ ने एसटीऍफ़ सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि बिहार के सासाराम का मूल निवासी अरमान प्रयागराज के सिविल लाइन क्षेत्र में कारोबार करता था जहा से उसका संपर्क अतीक के गुर्गे आशिक उर्फ़ मल्ली से हुआ और उसके बाद अतीक के गैंग में शामिल होकर इस घटना को अंजाम देने के बाद प्रयागराज से फरार हो गया। जिसके बाद बिहार के सासाराम जा पंहुचा और वहा किसी पुराने केस में खुद को अदालत के सामने सरेंडर कर दिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीऍफ़ की 10 टीमो को चकमा देने वाला शूटर अरमान सीसीटीवी के पड़ताल में पहचाना गया था। वह घटना वाले दिन वह भी उमेश पाल पर गोलियां बरसा रहा था। इसके बाद बाइक से सिविल लाइंस होते हुए भाग निकला था। इसके बाद पुलिस उसकी खोजबीन में जुट गई थी और उसके घर पर कई बार दबिश दी जा चुकी है। बताते चले कि पुलिस के अभी तक पड़ताल में आई उसका मनाना है कि उमेश पाल की हत्या में कुल 13 शूटर शामिल थे।
धूमनगंज शूटआउट में पुलिस ने सुलेम सराय, धूमनगंज और जयंतीपुर इलाके के कई सीसीटीवी फुटेज चेक करने के बाद बाद नौ अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था। इसके अलावा अतीक के बेटे असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और अरमान की पहचान की गई थी। इसी कारण इन लोगों को नामजद किया गया था। दरअसल शूटरों के साथ अन्य लोग आस पास ही उन्हें बैकअप दे रहे थे। उन्हें मालूम था कि धूमनगंज भीड़भाड़ वाला इलाका है।
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