मौसम में अचानक हुए बदलाव और बूंदाबांदी ने एक बार फिर बढाई किसानों की चिंता, फसल ख़राब होने का सताने लगा डर
तौसीफ अहमद
हाथरस: खुबसूरत मौसम और सुहावने मौसम उनके लिए होते है जो घर में बैठे गरम चाय और पकौड़े के साथ मौसम का आनंद लेते है। यह सुहावने मौसम और बूंदाबांदी तो आफत का सबब उन किसानो के लिए बनते है जिनको अपना फसल बर्बाद होने का डर सताता है। घने काले बादल छाते ही अन्नदाता चिंताओं में घिर जाता है।
ऐसा ही कुछ डर किसानो को तब सताने लगा जब बृहस्पतिवार की शाम को आसमान में बादल छा गए और हल्की बूंदाबूंदी हुई। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई। किसानों को अपनी गेहूं की फसल खराब होने का डर सताने लगा। किसानों का कहना है कि उनकी गेहूं की फसल तैयार हो चुकी है। अगर इस समय बारिश होती है तो फसल खराब हो जाएगी। जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
बारिश से गेहूं की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा। गुणवत्ता प्रभावित होने पर उन्हें फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाएगा। अधिक बारिश होने पर फसल सड़ने का डर है। इस समय गेहूं की फसल तैयार हो चुकी है। अगर अब बारिश हुई तो फसल खराब हो जाएगी। इससे काफी नुकसान हो जाएगा। अधिक बारिश होती है तो फसल के सड़ने का डर है।