आदिल अहमद
राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने नरोदा ग्राम नरसंहार मामले पर कोर्ट के फ़ैसले को लेकर टिप्पणी की है। राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इसको लोकतंत्र से जोड़ते हुवे फैसले पर निराशा जताया है।
कपिल सिब्बल ने इस पर ट्वीट किया है। जिसमे उन्होंने लिखा है- नरोदा ग्राम: 12 साल की एक लड़की समेत हमारे 11 नागरिक मारे गए। 21 साल बाद 67 अभियुक्त बरी क्या हमें क़ानून के शासन का जश्न मनाना चाहिए या इसके ख़त्म हो जाने पर निराश होना चाहिए।
दो दशक से भी ज़्यादा समय के बाद गुजरात की एक अदालत ने नरोदा नरसंहार के मामले में सभी 67 अभियुक्तों को बरी कर दिया। इनमें गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल हैं। इस नरसंहार में 11 मुसलमानों की हत्या कर दी गई थी।
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