आदिल अहमद
डेस्क: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या प्रकरण में आज उत्तर प्रदेश सरकार ने कैविएट दायर कर सुप्रीम कोर्ट से मांग किया है कि किसी भी आदेश को करने से पहले उसका पक्ष भी सुन लिया जाए। इस हत्याकांड से जुडी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है।
पहले इस याचिका पर सुनवाई 24 अप्रैल को होनी थी। मगर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों के अस्वस्थ होने के कारण इस याचिका पर जजों के अस्वस्थ होने का हवाला देते हुए 28 अप्रैल यानी शुक्रवार को सुनिश्चित कर दिया गया है। पिछली तारीख पर याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की बेंच के सामने याचिका का उल्लेख करते हुए इस तक जल्द कार्रवाई की अपील की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया। सीजेआई ने कहा कि इस याचिका पर सप्ताह के अंत में शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी। याचिकाकर्ता ने अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या के साथ ही साल 2017 से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में हुए एनकाउंटर की भी जांच कराने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने याचिका में यूपी में 2017 से लेकर अब तक हुए कुल 183 इनकाउंटर की सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में कराने की मांग की है।
अब इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने कैवियेट दाखिल कर अदालत से मांग किया है कि बिना उसका पक्ष सुने किसी प्रकार का आदेश न किया जाए। ऐसी स्थिति में याचिका पर सुनवाई लम्बी भी होने की उम्मीद है। देश ही नही बल्कि विदेशी मीडिया में भी अतीक और अशरफ हत्याकांड को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस सवालो के घेरे में खडी है।
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