अनिल कुमार
पटना: बिहार के प्रवासी श्रमिको पर तमिलनाडु में हिंसा का झूठ फैलाने का मुख्य आरोपी भाजपा से सम्बन्धित युवक और यट्यूबर मनीष कश्यप फिलहाल जेल में है और बिहार की जेल से उसको तमिलनाडु पुलिस पूछताछ के लिए लेकर अपने यहाँ गई है। वही मनीष कश्यप ने खुद की ज़मानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर किया है। मगर मनीष कश्यप की मुश्किलें और भी बढती दिखाई दे रही है।
ऍफ़आईआर के अनुसार निशांत वर्मा एक समाजसेवी हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को दी लिखित शिकायत में उन्होंने कहा था कि मनीष कश्यप ने 2016 में महात्मा गांधी को अपशब्द बोले थे। और इसका एक वीडियो भी है। शिकायतकर्ता के मुताबिक वीडियो में मनीष कश्यप और उनके दो दोस्तों ने महात्मा गांधी की मौत पर जश्न मनाने की बात कही है। निशांत ने पुलिस को एक पेन ड्राइव भी दी है, जिसमें ये वीडियो था। इसी वीडियो के आधार पर EOU ने मनीष कश्यप, रवि पुरी और अमित सिंह को नामजद किया है।
बताते चले कि मनीष कश्यप ने 18 मार्च को बिहार के जगदीशपुर में सरेंडर किया था। कुछ समय पहले तमिलनाडु में रह रहे बिहार के मजदूरों की कथित पिटाई की अफवाहें सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी थीं। कई वीडियो वायरल हुए थे जिनके आधार पर ये दावा किया जा रहा था। लेकिन बाद में तमिलनाडु और बिहार की सरकारों और पुलिस ने इन वीडियो को ‘स्क्रिप्टेड’ और फर्जी करार दिया। मनीष पर आरोप है कि उन्होंने भी बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमलों के ऐसे ‘स्क्रिप्टेड’ वीडियो और खबरें वायरल किए थे।
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