तारिक़ खान
डेस्क: सडको पर इन्साफ आज भी जारी है। खुद को जज, खुद ही अदालत और खुद ही जज बनकर किसी के ऊपर लगे आरोप पर फैसला आन स्पाट करने को बेताब लोग खुद ही मुजरिम तय करते है और खुद ही जल्लाद बनकर सजा दे रहे है। मगर कोई बहुत ही सख्त कार्यवाही के बिना ऐसे लोगो के मनोबल को बढ़ोतरी ही मिलती जाती है।
इस सम्बन्ध में इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट लिखा है जिसमे इस घटना का पूरा हवाला दिया गया है। उसके मुताबिक इस संबंध में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में जीवन उरांव, उनका बेटा गोवर्धन उरांव और उनके पड़ोसी नंदू उरांव हैं। पुलिस ने कहा कि वे यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या अन्य संदिग्ध भी हैं। रांची के एसएसपी कौशल किशोर ने बताया, ‘(घर में घुसने पर) कुछ आवाज हुई और उन्हें (अंसारी) मकान मालिकों ने पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी गई, जिसके बाद पुलिस पहुंची और उन्हें अस्पताल ले गई, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। कोई स्पष्ट चोट नहीं थी। हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।’
घटना के सम्बन्ध में चान्हो थाना प्रभारी रंजय कुमार ने कहा कि पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज किया है जिसमे एक वाजिद अंसारी की हत्या के लिए है और दूसरी चोरी के प्रयास के लिए दर्ज की हैं। चोरी के प्रयास में मृतक वाजिद को नामज़द किया गया है। रंजय कुमार ने कहा है कि ‘वाजिद अंसारी शुक्रवार तड़के करीब 4:30 बजे जीवन और गोवर्धन के घर के अंदर गए थे। उनके साथ और भी लोग थे। अभी तक यह चोरी के प्रयास का मामला लगता है, जहां केवल अंसारी को निवासियों द्वारा पकड़ा गया और फिर पीटा गया।’
अंसारी के पिता हफीजुल रहमान अंसारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि ‘मुझे बताया गया कि सुबह लगभग 6 बजे करीब 25 लोगों ने मेरे बेटे को बांध दिया था और उसे पीट रहे थे। मैं उस स्थान पर गया और मैंने पुलिस, वहां जमा भीड़ और मेरे बेहोश पड़े बेटे को देखा। भीड़ गुस्से में थी। उसे (वाजिद अंसारी) को पुलिस वाहन के अंदर डाल दिया गया और स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर कर दिया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मुझे घटना के सम्बन्ध में एक सब्जी विक्रेता ने बताया था’
वाजिद के खिलाफ चोरी के आरोपों से इनकार करते हुए परिवार ने कहा कि उनका कोई आपराधिक अतीत नहीं था और इसके बजाय वह राष्ट्रीय मानवाधिकार और अपराध नियंत्रण ब्यूरो (एनएचआरसीसीबी) से जुड़े थे, जो नई दिल्ली स्थित गैर-लाभकारी मानवाधिकार समूह होने का दावा करता है। एनएचआरसीसीबी के राज्य सचिव रमीज राजा ने कहा कि वाजिद अंसारी को एक स्वयंसेवक के रूप में पंजीकृत किया गया था और ‘उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी’। पिता हफीजुल रहमान ने कहा, ‘स्थानीय लोग कह रहे थे कि उसे चोरी के संदेह में पकड़ा गया था, लेकिन उन्हें उसके पास कुछ नहीं मिला। उसकी जेब में गांजे का केवल एक छोटा सा पैकेट था। यह उसे किसने दिया और क्या इरादा था?’
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