अजीत शर्मा (इनपुट: माया सिंह)
डेस्क: उत्तर प्रदेश के आगरा में भी रामनवमी के दिन “हिंसा की साजिश” का भांडा फोड़ उत्तर प्रदेश की पुलिस ने करते हुवे दो को गिरफ्तार कर लिया है। पत्रकार वार्ता के दरमियान डीसीपी लाइन आगरा ने इसकी जानकारी पत्रकारों को दिया। यह एक ऐसी साजिश थी जिसके लिए बकायदा गाय को कटवाया गया। मगर उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिखा दिया कि वह किसी भी साजिश को नाकाम कर सकती है। पुलिस ने बताया है कि इसके जरिये सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की थी।
अमर उजाला ने अपनी खबर में बताया है कि आगरा पुलिस के डीसीपी सूरज राय ने मीडिया को बताया कि 30 मार्च को गाय काटने की जानकारी मिली थी। दो आरोपी इमरान और शानू को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों के खिलाफ पहले से 6 केस दर्ज हैं। दोनों ने पूछताछ में बताया कि इस साजिश में उनके साथ तीन और लोग थे जो घटनास्थल पर मौजूद थे।
पुलिस के मुताबिक, हिंदू महासभा के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने जितेंद्र कुशवाहा (स्थानीय नेता) और संजय जाट के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। आरोप लगाया कि वे लोग रामनवमी के दिन सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने के लिए गाय काटने की साजिश रची थी। वहीं संजय जाट ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि उन्हें हिंदू महासभा के कुछ अधिकारी जानबूझकर फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच सीआईडी को करनी चाहिए। जाट के मुताबिक वो इन अधिकारियों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ से शिकायत करेंगे।
हिन्दुस्तान लाइव ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आगरा पुलिस ने इस मामले में 6 अप्रैल को एक प्रेस नोट जारी किया था। इस प्रेस नोट में पुलिस ने हिंदू महासभा का नाम नहीं लिखा। इसके मुताबिक, आरोपी शानू ने पुलिस को बताया कि 29 मार्च की रात को ही गाय काटे जाने की प्लानिंग हुई थी। ये प्लानिंग नकीम और उसके दोस्तों को फंसाने के लिए की गई थी। उसने बताया कि गौतम नगर में खाली मैदान में बहुत सारी गाय घूम रही थी। वहीं से गाय को पकड़कर काटने की प्लानिंग हुई। इसकी जानकारी सौरभ शर्मा, ब्रिजेश भदौरिया और अजय को दी गई जो इस प्लानिंग में शामिल थे। ये तीनों शानू और इमरान की मदद कर रहे थे।
पुलिस नोट में आरोपियों के हवाले से लिखा गया कि प्लानिंग के तहत ही अगले दिन 30 मार्च को गाय काट दी गई। इसके बाद सौरभ शर्मा, ब्रिजेश भदौरिया और अजय ने गाय काटने की जानकारी दूसरे हिंदूवादी नेताओं को दे दी। आरोपियों ने बताया कि इसमें संजय जाट की मुख्य भूमिका रही। वहीं घटनास्थल पर सौरभ शर्मा, ब्रिजेश भदौरिया और अजय ने माहौल बना दिया कि इसे नकीम, उसके भाई बिज्जो और रिजवान ने अंजाम दिया। क्योंकि इन सबकी उनसे पुरानी दुश्मनी थी। फिलहाल, हिंदू महासभा के किसी सदस्य की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने कहा है कि आगे की जांच की जा रही है।
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