शफी उस्मानी/मो0 कुमेल
डेस्क: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज सोमवार को एक बड़ी घोषणा की है कि उनकी सरकार ने असम से 2023 के अंत तक पूरी तरह AFSPA हटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि वे पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए सेना के सेवानिवृत्त कर्मियों की सेवा लेंगे। उन्होंने यह घोषणा सोमवार को आयोजित कमांडेंट्स कॉन्फ्रेंस में की।
अफ़्सपा यानी (सशस्त्र बल विशेषाधिकार क़ानून) के तहत सशस्त्र बालों को अशांत क्षेत्रों में सार्वजनिक व्यवस्था बनाये रखने की विशेष शक्तियां दी गई हैं। बताते चले कि AFSPA कानून का इस्तेमाल करके सशस्त्र बल किसी भी इलाके में पांच या पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा सकते हैं।
अगर सशस्त्र बलों को लगे की कोई व्यक्ति कानून तोड़ रहा है तो उसे उचित चेतावनी देने के बाद बल का प्रयोग किया जा सकता है और गोली चलाई जा सकती है। साथ ही ये कानून सशस्त्र बलों को उचित संदेह होने पर बिना वारंट किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और किसी भी परिसर में प्रवेश कर तलाशी लेने का अधिकार देता है। समय-समय पर सशस्त्र बलों पर आरोप लगते रहे हैं कि वे इन विशेष शक्तियों का दुरूपयोग करते रहे हैं।
हेमंत विश्व शर्मा ने अपने भाषण में कहा है कि ‘पूरे राज्य से नवंबर तक AFSPA हटाया जा सकता है। इसके तहत सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फ़ोर्सेज की जगह असम पुलिस बटालियन लेंगे।‘ हालांकि, उन्होंने ये भी कहा है कि अगर कानून के तहत जरूरत पड़ेगी तो सीएपीएफ भी तैनात करेंगे।
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