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संसद भवन उदघाटन: बोले पीएम- गर्व और उम्मीद भरा है आज का दिन, संसद भवन और ताबूत ट्वीट कर आरजेडी ने पूछा “ये क्या है”, बीजेपी ने दिया ये जवाब

अनुराग पाण्डेय/ईदुल अमीन

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत करने के बाद इससे जुड़े आयोजनों में हिस्सा लिया। उन्होंने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा है, ”आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तीकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी।”

इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था, ” नया संसद भवन हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा। ये वीडियो इस प्रतिष्ठित इमारत की एक झलक पेश करता है। मेरा एक विशेष अनुरोध है, इस वीडियो को अपने स्वयं से वॉयस-ओवर के साथ साझा करें, जो आपके विचारों को व्यक्त करता है। मैं उनमें से कुछ को री-ट्वीट करूंगा।”

बताते चले कि नए संसद भवन के उद्घाटन के कार्यक्रम की शुरुआत सुबह सवा सात बजे से हुई। प्रधानमंत्री मोदी संसद भवन परिसर में पहुंचे, हवन में हिस्सा लिया। हवन के लिए होने वाली मुख्य पूजा में पीएम मोदी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के साथ बैठे।

वही राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गई तस्वीर में नए संसद भवन के साथ ताबूत की तस्वीर लगाई गई है। तस्वीर के ऊपर लिखा है- ये क्या है? आरजेडी ने कई अन्य पार्टियों की तरह ही नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। आरजेडी का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराना चाहिए।

आरजेडी के इस ट्वीट के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा, ”क्या राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य हमेशा के लिए संसद का बहिष्कार करेंगे। क्या वे लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे।” सुशील कुमार मोदी ने कहा, ”राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे। फिर ताबूत का चित्र दिखाना क्या साबित करता है। एक राजनीतिक दल इस घटिया मानसिकता पर उतर आया है कि एक शुभ और गौरव के दिन संसद की तुलना मृत व्यक्ति के ताबूत से की जा रही है।”

पार्टी के नेता बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है, ”राष्ट्रपति पद संसदीय व्यवस्था का अभिन्न अंग है। संसद के एक महत्वपूर्ण समारोह, उसके उद्घाटन के समारोह से राष्ट्रपति को अलग करना संसदीय व्यवस्था और राष्ट्रपति पद, दोनों की महत्ता का अपमान है।”

आरजेडी के सांसद मनोज झा ने कहा, “महामहिम राष्ट्रपति के मान और संवैधानिक व्यवस्था एवं परंपरा की माननीय प्रधानमंत्री द्वारा अनदेखी को देखते हुए राष्ट्रीय जनता दल ने विपक्ष के अधिकांश दलों के साथ नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का हिस्सा नहीं बनने का निर्णय लिया है।”

वही अब केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने आरजेडी के इस ट्वीट का जवाब दिया है। बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल पर आरजेडी की टिप्पणी के जवाब में लिखा है, “पहला चित्र आपका भविष्य है और दूसरा भारत का। समझे?”

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