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वाराणसी निकाय चुनाव लोहता (वार्ड नम्बर 52): सपा निर्दल के बीच कांटे की टक्कर, पढ़े पुरे चुनाव में हुई रोचक उठा पटक और क्या आ सकता है निष्कर्ष

मो0 सलीम

वाराणसी: प्रदेश में चल रहे निकाय चुनावों में पहले चरण का मतदान हो चूका है। इस पहले चरण में वाराणसी नगर निगम हेतु भी मतदान हो चूका है। प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है। महीने से चली आ रही चुनावी गहमा गहमी आराम तलब कर रही है। मतों की गिनती 13 मई को होगी। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईवीएम सुरक्षित प्रशासन ने रखवा दिया है।

इसी के साथ प्रत्याशियों और समर्थको के कौतुहल का विषय बना हुआ है कि आखिर जनता किसको जीत का सेहरा पहना रही है और किसके हिस्से हार आ रही है। सभी प्रत्याशी और उनके समर्थक अपनी अपनी जीत का आकड़ा पेश कर रहे है। मगर इन सबके बीच वोटर खामोश है। मतदान के बाद भी खामोश मतदाता इस कौतूहलता को और भी बढ़ा रहे है। हमने इस वार्ड पर अपनी नज़र रखा हुआ था। हमारे विश्लेषण इस वार्ड में निकल रहे है जो आपके सामने पेश कर रहे है।

नया नया नगर निगम में जुडा वार्ड नम्बर 52 लोहता अबकी पहली बार पार्षद चुन रहा है। पार्षद पद हेतु यहाँ भाजपा ने अशोक मिश्रा की पत्नी को टिकट दिया, तो वही शमीम नोमानी की पत्नी को सपा ने टिकट दिया। जबकि कांग्रेस ने अधिवक्ता राजू की पत्नी को टिकट देकर मैदान में उतारा। सपा से टिकट बटवारे को देख नाराज़ सपा के पुराने कार्यकर्ता और बुनकर नेता वसीम अकरम ने बागी प्रत्याशी के तौर पर अपनी पत्नी का नामांकन करवाया जबकि तराना खान ने भी बतौर बागी प्रत्याशी नामांकन किया।

वसीम अकरम के हिस्से में चुनाव चिन्ह चश्मा आया जबकि तराना खान को गुलाब मिला। इस चुनाव में भाजपा कही लड़ाई में शुरू से आखिर तक दिखाई नही पड़ी। वही तराना खान का गुलाब भी मुरझाया हुआ दिखा तथा कांग्रेस का पंजा भी इसी स्थिति में रहा। मुख्य लड़ाई में सपा प्रत्याशी शमीम नोमानी की पत्नी और निर्दल उम्मीदवार वसीम अकरम की पत्नी एक दुसरे को टक्कर देते हुवे दिखाई दी। अपुष्ट जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने सपा को समर्थन दिया। मगर इस खबर की पुष्टि नही हुई है। जबकि तराना खान जो चुनाव में संघर्ष करने की बात कह रही थी के द्वारा पुलिस के ठीक पहले देर रात अपना वीडियो बयान जारी कर सपा को समर्थन दे दिया।

तराना खान जो खुद को सपा नेता बताते हुवे बतौर बागी प्रत्याशी मैदान में थी, उन्होने गुलाब छोड़ दिया और सायकल की सवारी करने लगी। आज मतदान के दरमियान इसका असर कोई ख़ास पड़ता किसी प्रत्याशी को दिखाई नही दिया बस भीड़ थोडा कम की बात कही जा सकती है। मुख्य जंग निर्दल प्रत्याशी वसीम अकरम और सपा प्रत्याशी शमीम नोमानी के बीच दिखाई दी। इस पुरे चुनाव में कभी पलड़ा ऊपर तो कभी नीचे होते हुवे दोनों प्रत्याशियों का दिखाई दिया। मतदान के बाद क्षेत्र की सुगबुगाहट पर अगर नज़र डाले तो पल्ला शायद सपा का भारी नज़र आये मगर साथ ही ये है कि लगभग 11 हज़ार मतों के बीच यह जीत हार का अंतर काफी नजदीकी दिखाई दे। दोनों में कोई प्रत्याशी लाख दावे करे मगर हकीकत तो अभी तक यही समझ आ रही है कि हार जीत का अंतर काफी कम होगा।

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