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सीबीआई के नए डायरेक्टर होंगे प्रवीण सूद, जाने कौन है आईपीएस प्रवीण सूद और क्या है क्रिकेटर मयंक अग्रवाल से उनके सम्बन्ध

तारिक खान

डेस्क: सीबीआई निदेशक के लिए कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजे गए शॉर्टलिस्ट किए गए नामों में: प्रवीण सूद, डीजीपी (कर्नाटक), सुधीर कुमार सक्सेना, डीजीपी, मध्य प्रदेश, और ताज हसन, महानिदेशक, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड के नाम शामिल थे। जिसमे प्रवीण सूद को प्रधानमन्त्री की अध्यक्षता वही उच्चस्तरीय समिति ने चयनित किया है। हालाँकि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस चयन पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन नही सहमत थे।

प्रवीण सूद चयन के बाद दो साल की अवधि के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक का पदभार संभालेंगे। माना जा रहा है कि प्रवीण सूद 25 मई को नया पदभार ग्रहण करेगे। वी प्रवीण सूद मई 2024 में रिटायर्ड हो रहे थे। मगर इस नियुक्ति के बाद अब उनका कार्यकाल 2 वर्ष के लिए बढ़ गया है। प्रवीण सूद हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले हैं। उनके पिता ओम प्रकाश सूद दिल्ली सरकार में क्लर्क थे, जबकि मां कमलेश सूद दिल्ली के सरकारी स्कूल की टीचर थीं।

सूद की स्कूलिंग दिल्ली के सरकारी स्कूल से हुई। प्रवीण सूद साल 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। प्रवीण सूद को जनवरी 2020 में कर्नाटक डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया था। सूद को 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी अशित मोहन प्रसाद को को दरकिनार कर कर्नाटक का डीजीपी नियुक्त किया गया था। प्रवीण सूद क्रिकेटर मयंक अग्रवाल के ससुर है। प्रवीण सूद ने आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएशन किया है।

पुलिस में शामिल होने के बाद 1989 में सहायक पुलिस अधीक्षक (मैसूर) के रूप में अपना करियर शुरू किया। बाद में उन्होंने पुलिस उपायुक्त (लॉ & आर्डर) के रूप में बेंगलुरु शहर में ट्रांसफर होने से पहले बेल्लारी और रायचूर के एसपी के रूप में कार्य किया। 1999 में वह तीन साल के लिए मॉरीशस सरकार के पुलिस सलाहकार के रूप में एक विदेशी प्रतिनियुक्ति पर गए, जहां उन्होंने यूरोपीय और अमेरिकी पुलिस के साथ मिलकर काम किया। प्रवीण सूद के ब्लॉग में उन्होंने लिखा है कि 2003 में उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर और मैक्सवेल स्कूल ऑफ गवर्नेंस, सिरैक्यूज विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से सार्वजनिक नीति और प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए ब्रेक लिया था।

उन्हें 1996 में सेवा में उत्कृष्टता के लिए मुख्यमंत्री के स्वर्ण पदक तथा 2002 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक और 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। साल 2011 में ‘यातायात प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी के सबसे नवीन उपयोग’ के लिए सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस गोल्ड अवार्ड में भी उनका योगदान रहा है। उन्होंने प्रमुख सचिव, गृह विभाग के रूप में भी काम किया। इसके साथ ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, प्रशासन भी रहे हैं।

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