तारिक़ आज़मी
डेस्क: गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ़ जीवा की हत्या 7 जून को लखनऊ कोर्ट परिसर में 6 गोलियां मार कर हुई थी। इस घटना को अंजाम देने वाले शूटर विजय को अधिवक्ताओं ने मौके पर ही पकड़ लिया था जिसको पुलिस के हवाले कर दिया गया था। पुलिस के हवाले होने के बाद भी खुद की सुरक्षा से हुवे इस खिलवाड़ पर अधिवक्ताओं का गुस्सा ठंडा नही हुआ था और उन्होंने शूटर विजय की जमकर धुनाई किया था। पोस्टमार्टम में संजीव जीवा को कुल 16 चोट आना बताया गया था।
विजय यादव ने पुलिस को बताया है कि गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के लिए उसे असलम ने 20 लाख रुपये की सुपारी थी। जीवा ने लखनऊ जेल में असलम के भाई आतिफ की दाढ़ी नोची थी। इस बाद से गुस्सा होकर असलम ने गैंगस्टर जीवा की हत्या का प्लान बनाया और इसे अंजाम देने के लिए विजय यादव को चुना। जीवा की हत्या के बाद अब विजय यादव को जीवा के करीबियों से जान का खतरा सता रहा है। इसको लेकर जेल में उसकी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। बताया जा रहा है कि एसटीऍफ़ की एक टीम ने भी जेल में छानबीन की है। विजय को हाई सिक्योरिटी जोन में रखा गया है।
पश्चिमी यूपी में जरायम की दुनिया में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा बड़ा नाम था। संजीव जीवा ने जरायम की दुनिया में पहली बार 90 के दशक में कदम रखा था। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाने में कंपाउंडर की नौकरी करता था। बाद में उसी दवाखाना मालिक को ही अगवा कर लिया। जीवा के खिलाफ हत्या, रंगदारी, लूट, डकैती, अपहरण और गैंगस्टर समेत 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। उसे माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी माना जाता है। कोलकाता के एक व्यापारी के बेटे का अपहरण कर दो करोड़ की फिरौती मांगने का भी आरोप है। जीवा फिलहाल लखनऊ जेल में सिक्योरिटी बैरक में बंद था।
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