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40 करोड़ की लागत से बना गुजरात का यह पुल 50 साल जनता की सेवा के लिए बना था, महज़ 4 साल में ही जाने क्यों हुआ आवागमन के लिए बंद, पढ़े विपक्ष हटकेश्वर पुल को क्यों कह रहा ‘ब्रिज ऑफ करप्शन’

आदिल अहमद/ईदुल अमीन

डेस्क: गुजरात के अहमदाबाद का हटकेश्वर पुल। जिसकी एक फ़ोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। और हो भी क्यों ना। पुल फेमस ही इतना है। 40 करोड़ की लागत से बना ये पुल जिसके बारे में दावा किया गया था कि 50 सालों तक जनता की सेवा करेगा। लेकिन, 50 नहीं, 40 नहीं, 30 नहीं, 5 भी नहीं, ये पुल तो 4 सालों में ही रंग दिखा गया। आइए आपको बताते हैं कि हुआ क्या है।

हटकेश्वर पुल को दो कंपनियां ने मिलकर बनाया था। अजय इंजीनियरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड एंड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कंसल्टेंट और एसजीएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने। 2017 में इस पुल को जनता के लिए खोल दिया गया था। गाजे-बाजे के साथ पुल का उद्घाटन किया गया था। पूरे पुल में आठ स्पैन (स्लैब) हैं। मुख्य स्पैन 42 मीटर और अन्य 33 मीटर के हैं। पुल को खोखरा और सीटीएम क्रॉस रोड को जोड़ने के लिए बनाया गया था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2021 में पुल में ट्रैफिक का लोड ठीक रखने के लिए 4 डैक स्लेब लगाए गए थे। लेकिन 4 साल भी नहीं बीते, पुल की हालत खराब हो गई। इसे देखते हुए अगस्त 2021 में पुल को बंद कर दिया गया। 27 मई को अहमदाबाद नगर निगम ने अजय इंजीनियरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड एंड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कंसल्टेंट और एसजीएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज़ करवाई। अहमदाबाद नगर निगम ने उस दिन यह ऍफ़आईआर दर्ज़ करवाई, जिस दिन म्युनिसिपल कमिश्नर एम थेनारासन ने पुल को गिराने की घोषणा की।

थेनारासन ने कहा, ‘पुल की जांच में पता चला कि पुल को बनाने में खराब मैटेरियल का इस्तेमाल हुआ है। और पुल जितना मज़बूत होना चाहिए था, उसका 20% ही मज़बूत है। अहमदाबाद नगर निगम ने आठ इंजीनियरों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की थी। जिनमें से चार को सस्पेंड कर दिया गया है, तीन रिटायर हो गए हैं और एक अभी सर्विस में है।’ हटकेश्वर पुल, ब्रिज ऑफ करप्शन के नाम से मशहूर हो गया है। बताया जाता है कि इतिहास में पहली बार किसी स्टैंडिंग ब्रिज को तोड़ा जाएगा।

ट्विटर पर सुर्या पटेल नाम के यूजर ने लिखा, ‘हटकेश्वर पुल। अहमदाबाद में ये फ्लाईओवर 40 करोड़ रुपए में बना था, जिसका 2017 में गाजे-बाजे के साथ उद्घाटन किया गया था। आईटी सेलियों ने इसे विकास बताया था, लेकिन 2021 में इसे बंद करना पड़ा क्योंकि ये अब ड्राइव करने के लिए सुरक्षित नहीं है।’ ‘हटकेश्वर पुल 2021 में ही असुरक्षित घोषित कर दिया गया था। अब हालत ये है कि इस पुल की मरम्मत नहीं हो सकती ओर आखिर में इसे तोड़ने का निर्णय लिया गया है।’ पुल को बनाने वाली दोनों कंपनियों के खिलाफ खोखरा पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 406, धारा 420 और धारा 120B के तहत ऍफ़आईआर दर्ज की गई है। दोनों को ब्लैकलिस्ट भी किया जाएगा।

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