अनुराग पाण्डेय
डेस्क: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मणिपुर में शांति के सभी प्रयास विफल होते हुवे दिखाई दे रहे है। मणिपुर के हालात सुधर नही रहे है। बताया जा रहा है कि अब ज़रूरी चीजों की अपृति पर भी मणिपुर की हिंसा का असर दिखाई दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुक्रवार को आरएऍफ़ के जवानो और भीड़ के बीच झड़प हुई है।
अख़बार जनसत्ता में आज शनिवार को छपी एक ख़बर के अनुसार बीते कई दिनों से जातीय हिंसा से जूझ रहे देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में शुक्रवार को भीड़ और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों के बीच झड़प हुई। भीड़ ने रास्तों पर आगज़नी कर अवरोध पैदा किया और सरकार और लोगों की संपत्ति को भी नुक़सान पहुंचाया। अख़बार लिखता है कि भीड़ ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन के घर पर हमला कर घर में आग लगाने की कोशिश की। वहीं शाही महल के पास आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के गोदाम को आग के हवाले कर दिया।
वहीं मणिपुर के खामेनलोग इलाक़े में नौ लोगों की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि दोषियों की तलाश अभी जारी है, अपराधियों को बख़्शा नहीं जाएगा। एक और ख़बर में अख़बार लिखता है कि मणिपुर में एक नेशनल हाईवे और छह दूसरे रास्तों में रुकावट होने के कारण वहां ज़रूरी सामान की कमी हो गई है। रास्ते बंद होने से राज्य के कई हिस्सों में शिशु आहार और दवाओं की कमी हो गई है, साथ ही सुरक्षाबलों की आवाजाही पर भी असर पड़ रहा है। अख़बार लिखता है कि आदिवासियों ने राज्य को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे को और महिलाओं के नेतृत्व वाले समूहों ने कम से कम छह और सड़कों को बंद कर रखा है।
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