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तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: नफरतो की सौदागरी से खौलता उत्तरकाशी का पुरोला और खामोश है सियासत, आखिर कैसे मिल पायेगा उन सवालो का जवाब जिससे सुकून पा सके ‘इंसानियत’ ?

तारिक़ आज़मी

उत्तराखंड की उत्तरकाशी कुदरत की खूबसूरती का एक नायाब तोहफा है। उस उत्तरकाशी के पुरोला की बात करे तो उत्तरकाशी जिले में स्थित एक सुंदर पहाड़ी शहर है। यह खूबसूरत शहर समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। छोटा सा शहर बर्फ से ढके पहाड़ों, घने देवदार और शंकुधारी जंगलों और कुदरत की खूबसूरती का एक खुबसूरत इलाका है। मगर ये छोटा सा शहर या फिर इसको टाउन कहे अपने खूबसूरती के लिए नही बल्कि नफरतो की सौदागरी के लिए चर्चा में है।

दरअसल उत्तरकाशी के पुरोला में ‘देवभूमि बचाओ समिति’ का पोस्टर लगाया है। जिसके अनुसार मुस्लिम समुदाय को टारगेट कर उनको पुरोला छोड़ देने की सलाह दिया गया है। भोपू मीडिया इसको उबाल का नाम दे रहा है और भीड़ ने उन दुकानों पर क्रोस के निशाँन लाठी डंडों से मुस्तैद होकर लगाये है जो मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों की दूकान है। 9 जून को टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर को अगर देखे तो दुकानों में एक दूकान भाजपा अल्पसख्यक मोर्चा के मो0 जाहिद की भी थी। मो0 जाहिद डेढ़ दशक से भाजपा के साथ जुड़े हुवे है और पार्टी के साथ उनकी निष्ठां को देखते हुवे पार्टी ने उन्हें जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा नियुक्त किया है।

इसी मार्किट में उन लगभग 40 दुकानों में से एक जाहिद की भी दूकान है और दो अन्य भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों की दुकाने है। नफरत ने पार्टी भी नही देखा और मो0 जाहिद भी अपनी दूकान बंद कर कही जा चुके है। टाइम्स आफ इंडिया ने मो0 जाहिद का बयान तो नही छापा है मगर कुछ अन्य दुकानदारो का बयान छापा है। उन 40 दुकानदारो के जो मुस्लिम समुदाय से आते है की दुकाने बंद कर कही और चले जाने की भी जानकारी हासिल हुई है। इस बात को अगर माने तो बेशक नवभारत टाइम्स की 6 जुन की खबर सही है कि पुरौलो उबल रहा है। मगर आखिर ये तपिश क्यों जिससे इतना खुबसूरत इलाका ठन्डे के बजाये उबल रहा है?

दरअसल बताया जाता है कि उत्तरकाशी जिले के पुरोला में 26 मई को दो युवकों ने एक स्थानीय हिंदू दुकानदार की नाबालिग बेटी के अपहरण की कथित तौर पर कोशिश कर रहे थे। हालांकि, कुछ स्थानीय युवकों ने नाबालिग को बचा लिया। इसके बाद पुरोला समेत आसपास के इलाकों में लोगों का आक्रोश फूट पड़ा और देखते ही देखते मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ पुरोला में प्रदर्शन शुरू हो गए। पुरोला के अलावा बड़कोट, चिन्यालीसौड़ और भटवारी में भी ऐसे ही विरोध प्रदर्शन हुए। पुरोला में विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों पर पोस्टर भी लगाए गए। इन पोस्टरों में लिखा था, ‘लव जिहादियों को सूचित किया जाता है, 15 जून 2023 को होने वाली महापंचायत से पहले अपनी दुकानें खाली कर दें, अगर ऐसा नहीं किया जाता तो वह वक्त पर निर्भर करेगा।।।’ ये पोस्टर देवभूमि रक्षा अभियान के तहत लगाए गए हैं। जिसमे किसी का नाम नही लिखा हुआ है।

दुकाने बंद करवाने की लाठी डंडों के साथ हुई कोशिश के खिलाफ पुलिस ने अज्ञात लोगो पर मुकदमा भी दर्ज किया है। जबकि सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हुवे है जिसमे दुकाने ज़बरदस्ती बंद करवाया जा रहा है। वीडियो के आधार पर तो कई लोग शिनाख्त में आ गये होंगे। मगर पुलिस ने मामले में अभी तक कोई गिरफ़्तारी किया ऐसा समाचार नही आ रहा है। हालांकि, पुलिस द्वारा शांति बैठको के द्वारा दोनों समुदाय के बीच गतिरोध दूर करने का प्रयास किया जा रहा है, और शांति व्यवस्था के लिए पुरोला में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। अब अगर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेसन के मीडिया को दिए बयान को देखे तो उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्तरकाशी, विकास नगर समेत अन्य क्षेत्रों में अंतर-समुदाय के लोगों के पलायन करने की घटनाएं हुई हैं, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं। इसमें ऍफ़आईआर दर्ज की गई हैं। शांति स्थापित करने के लिए पुलिस अपना कर्तव्य सर्वोपरि निभा रही है। जो भी कानून तोड़ेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जांच जारी है।

ऊपर आप चमोली पुलिस के ट्वीट को देखे और सवाल वाजिब हो तो बेशक हां कहे कि इस पुरे मामले में एडीजी कानून व्यवस्था अपने अधीनस्थ चमोली के पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल के बयान पर ध्यान दे तो क्या पुलिस अपराध कारित करने वाले अभियुक्तों को समुदाय के साथ बयान जारी करती है। घटना के बाद पुलिस अधीक्षक चमोली प्रमेन्द्र डोभाल ने बयान मीडिया पर जारी किया जिसमे साफ़ साफ कहा कि एक समुदाय विशेष के दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। सवाल ये है कि पुलिस क्या समुदाय के हवाले से अपने बयान अभियुक्तों की गिरफ़्तारी पर जारी करती है। नतीजे काफी कुछ सामने है। ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर ने वकार अहमद द्वारा ट्वीट एक वीडियो को पोस्ट किया है जिसमे एक भाजपा नेता के परिवार का बयान है। कैसे नफरतो ने अपनी सौदागरी किया और उस परिवार पर क्या गुजरी आप खुद इस वीडियो में सुन सकते है।

इसके बावजूद भी डिप्टी एसपी सुरेंद्र सिंह भंडारी ने आजतक से बातचीत में इस बात का खंडन किया है कि पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों द्वारा अपना कारोबार बंद किया। उन्होंने कहा कि बड़कोट में मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें खुली है। साथ ही अगर पुरोला में किसी व्यापारी द्वारा दुकानें खाली करने की बात सामने आई है, तो उन्होंने स्वेच्छा से दुकानें छोड़ी होंगी। कुल मिलाकर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। अब अगर स्थिति नियंत्रण में है तो फिर ये पलायन कैसे ये तो डिप्टी एसपी सुरेन्द्र सिंह भंडारी ही बता सकते है। चमोली पुलिस ने दुकाने जबरन खाने करवाने वालो के खिलाफ ऍफ़आईआर किया है वह भी अज्ञात के रूप में।

वही ऑल्ट न्यूज़ के मो0 जुबैर ने देव भूमि रक्षा अभियान का खुद को संचालक बताने वाली फेसबुक आईडी की स्क्रीन शॉट पोस्ट किया है। जिसमे एक संत डीजीपी उत्तराखंड के साथ बैठे है। पोस्ट में साफ़ साफ़ लिखा है कि डीजीपी से स्पष्ट कहा है कि लव जेहाद वालो की बंद करवाई गई दुकाने खुलवाई तो शांति व्यवस्था में खलल पड़ जायेगा। इस पोस्ट के बाद भी चमोली पुलिस को शायद अज्ञात लोगो की तलाश है कि आखिर वह अज्ञात कौन है। इसको नफरतो की सौदागरी नही कहेगे तो और क्या फिर कहा जायेगा। अपराध एक करे और उसकी सज़ा अदालत नही बल्कि सडको पर भीड़ करे वह भी पुरे समुदाय के साथ क्या ये वाजिब है?

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