ईदुल अमीन
डेस्क: अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफ़ान गुरुवार को गुजरात के समुद्र तट से टकराएगा लेकिन उससे पहले उसका असर धीरे-धीरे तटवर्ती इलाक़ों में दिखना शुरू हो गया है। इस चक्रवाती तूफ़ान को लेकर गुजरात और केंद्र सरकार ने काफ़ी तैयारियां की हुई हैं। मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने इस तूफ़ान के मद्देनज़र गुजरात के मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन की एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। गुजरात के तटीय क्षेत्रों सौराष्ट्र और कच्छ से अब तक सरकारी एजेंसियों ने 30 हज़ार से अधिक लोगों को शेल्टर होम्स में पहुंचा दिया है।
वहीं अभी भी लोगों को शेल्टर होम्स में भेजा जा रहा है। गुरुवार की शाम तक इस तूफ़ान के जाखो तट पर पहुंचने का अनुमान है। उस समय 125 से 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चलने का अनुमान है। माना जा रहा है कि ज़मीन पर पहुंचने के बाद हवा की रफ़्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। बताते चले कि 15 जून की शाम को गुजरात के मांडवी ज़िले के अलावा पाकिस्तान के कराची में भी इस तूफ़ान का असर देखने को मिलेगा।
इसके अलावा भारत के गुजरात में कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़ और राजकोट ज़िले में भी इस तूफ़ान का असर होगा। मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि कच्चे मकानों के साथ-साथ कुछ पक्के मकान भी इसमें तबाह हो सकते हैं और इसकी वजह से अधिक नुक़सान होने की आशंका है। इसके अलावा बिजली, टेलीफ़ोन लाइनें और खंभे उखड़ सकते हैं साथ ही खेती, पेड़-पौधों और बागान को नुक़सान पहुंचने की आशंका है। 15 जून की शाम को ही तूफ़ान के साथ तेज़ बारिश आने का अनुमान है।
मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय मोहापात्र ने कहा है कि चक्रवाती तूफ़ान के कारण 20 सेंटीमीटर तक तेज़ बारिश हो सकती है, साथ ही समुद्र में छह मीटर तक ऊंची लहरें आ सकती हैं। ये बारिश सौराष्ट्र के ज़िलों के साथ-साथ उत्तरी गुजरात क्षेत्र तक हो सकती है। मोहापात्र ने कई इलाक़ों में बाढ़ आने की भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “हमें हैरत नहीं होगी अगर इन इलाक़ों में 25 सेंटीमीटर तक भी बारिश हो। आमतौर पर इस क्षेत्र में साल के इस समय में इतनी भारी बारिश नहीं होती है। इस वजह से निचले इलाक़ों में बाढ़ आने का भी ख़तरा है।”
मौसम विभाग ने गिर नेशनल पार्क और सोमनाथ मंदिर समेत चर्चित जगहों की निगरानी करने की भी सलाह दी है। वही चक्रवाती तूफ़ान के मद्देनज़र पश्चिम रेलवे ने 15 जून तक तक़रीबन 95 से अधिक ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया है या फिर उनकी दूरी कम कर दी है। ये वो ट्रेनें हैं जो तूफ़ान से टकराने वाले ज़िलों से चलती हैं या वहां पहुंचती हैं या फिर वहां से गुज़रती हैं। इन ट्रेनों में बांद्रा टर्मिनस-भुज कच्छ एक्सप्रेस, पोरबंदर-दिल्ली सराय रोहिल्ला एक्सप्रेस और पोरबंदर-सिकंद्राबाद एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल हैं।
वहीं गुजरात सरकार ने एहतियाती क़दम उठाते हुए स्कूलों को 15 जून तक बंद कर दिया है। कांडला और जाखो समेत कच्छ की खाड़ी में बंदरगाहों को भी बंद कर दिया गया है। गुजरात स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने कई रूटों पर अपनी सेवाएं रद्द कर दी हैं। राज्य में मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया है कि वन विभाग ने बड़े पेड़ों को काट दिया है ताकि वो तूफ़ान में उखड़कर नुक़सान न पहुंचाएं। एनडीआरएफ़ और एसडीआरएफ़ की दो-दो टीमें तैनात की गई हैं।
वहीं मांडविया ने बताया है कि किसी भी तरह के राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, वायु सेना, नौसेना और भारतीय कोस्ट गार्ड तैयार हैं। उन्होंने मंगलवार को भुज में मिलिट्री स्टेशन का दौरा किया और सेना की तैयारियों का जायज़ा लिया। वहीं, भारतीय कोस्ट गार्ड के उत्तर-पश्चिम क्षेत्रीय मुख्यालय ने ऑयल ड्रिलिंग शिप ‘की सिंगापुर’ से 50 लोगों को बाहर निकालने का अभियान शुरू किया है।
ये ड्रिलिंग शिप देवभूमि द्वारका से 25 मील दूर समुद्र में है। बिपरजोय के कारण ख़राब होते हालात के मद्देनज़र कोस्ट गार्ड ने अपने एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर एमके-3 को लगाया है। ये हेलीकॉप्टर जहाज़ के कर्मचारियों को ओखा लेकर आएगा।
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