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पढ़े फिल्म ‘आदिपुरुष’ के किन-किन डायलॉग की हो रही है आलोचना और जाने क्या कहते है फिल्म के निर्देशक ओम राउत इस सम्बन्ध में

शिखा प्रियदर्शिनी

डेस्क: निर्देशक ओम राउत की रामायण पर बनी फ़िल्म ‘आदिपुरुष’ रिलीज हो चुकी है। जहा फिल्म की कुछ लोग तारीफ करते दिखाई दे रहे है। वही आलोचनाओं का शिकार ये फिल्म हो रही है। महाबली फेम प्रभास ने इस फिल्म में राघव और कृति सेनन ने जानकी का किरदार निभाया है।

पौराणिक कथा पर आधारित इस फ़िल्म में प्रभास और कृति सेनन के अलावा सैफ़ अली खान रावण और देवदत्त नाग बजरंबली के क़िरदार में नज़र आए हैं। भले ही फ़िल्म दर्शकों को लुभाती हुई दिख रही है लेकिन बड़े विवाद भी हो रहे हैं। ये अधिकतर विवाद फिल्म के डायलॉग को लेकर हो रहे है। सोशल मीडिया पर इसकी काफी मीम भी आना शुरू हो गई है। आइये हम आपको उन डायलॉग से रूबरू करवाते है जिनको लेकर विवाद हो रहा है।

  • फिल्म में लंका दहन से पहले इंद्रजीत (वत्सल सेठ) बजरंगबली (देवदत्त नाग) की पूंछ में आग लगाने से पहले कहते हुवे दिखाई देते हैं – ‘जली ना अब और जलेगी…..। बेचारा जिसकी जलती है वही जनता है।’ जिस पर बजरंबली जवाब देते है कि ‘कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, जलेगी भी तेरे बाप की।’
  • फिल्म में बजरंगबली जब सीता से मिलने अशोक वाटिका जाते हैं, वहाँ उन्हें लंका का एक राक्षसी सैनिक रोकते हुवे बजरंगबली से कहता है – ‘तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया?’
  • फिल्म में लंका दहन के बाद जब बजरंगबली राम सेना के पास पहुँचते हैं तो लंका में हुए दहन की व्याख्या में कहते हैं- ‘लंका में बोलकर आया हूँ कि जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे, उनकी लंका लगा देंगे।’
  • फिल्म में विभीषण (सिद्धार्थ कार्णिक) जब रावण को समझाने जाते हैं, तब कहते है – ‘भैया आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं।’
  • लक्ष्मण को मूर्छित करने के बाद इंद्रजीत फिल्म में कहता है – ‘मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है।’
  • फिल्म में रावण विभीषण से कहता है – ‘अयोध्या में तो वो रहता नहीं। रहता तो वो जंगल में है। और जंगल का राजा शेर होता है। तो वो कहां का राजा है रे।’

रिपब्लिक वर्ल्ड को दिए गए एक लेटेस्ट इंटरव्यू में ओम राउत का कहना है कि जो लोग कहते हैं कि वे रामायण को समझते हैं, वे मूर्ख हैं। उन्होंने कहा कि ‘रामायण इतना बड़ा है कि इसे किसी के लिए भी समझना असंभव है। अगर कोई कह रहा है कि वे रामायण को समझते हैं, तो वे मूर्ख हैं या वे झूठ बोल रहे हैं। रामायण जो हम पहले टीवी पर देख चुके हैं, यह कुछ ऐसा है, जिसे मैं बड़े फॉर्मेट में देखते हुए बड़ा हुआ हूं। हम इसे फिल्म (रामायण) नहीं कह सकते हैं। इसलिए हम इसे आदिपुरुष कह रहे हैं, क्योंकि यह रामायण के भीतर एक खंड है। यह एक युद्ध कांड है, जिसे हम दिखाने की कोशिश कर रहे हैं और यह सिर्फ युद्ध कांड का एक छोटा सा हिस्सा है।‘

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