अनिल कुमार
पटना: बिहार में स्कूली शिक्षकों का मसला एक बार फिर से सड़कों पर है। एक ओर जहां सूबे में 10 जुलाई से मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई, वहीं प्रदेश भर के स्कूली शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं। बताते चले कि बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन होते रहे हैं। कभी अलग-अलग चरणों में बहाली को लेकर तो कभी राज्यकर्मी बनाने और सरकारी भत्ते के लिए। अब तो इस प्रदर्शन में महागठबंधन में शामिल भाकपा (माले) जैसे दल के नेता और विधायक भी शामिल हो गए हैं।
इन शिक्षकों में अधिकांश वे हैं जो बीते कई वर्षों से सूबे के स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। बिहार के शिक्षा विभाग ने राज्य के स्कूलों में क्वॉलिटी एजुकेशन का हवाला देते हुए क़रीब 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली के लिए बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा लेने का फ़ैसला लिया है। इसके लिए परीक्षा फ़ॉर्म भी भरे जाने लगे हैं। हालाँकि कैबिनेट के एक नए फ़ैसले से जब ‘डोमिसाइल नीति’ ख़त्म करने की बात कही गई, तब राज्य में अलग-अलग जगहों पर शिक्षकों का प्रदर्शन और तेज़ हो गया। ‘डोमिसाइल नीति’ ख़त्म करने के फ़ैसले से अब राज्य के बाहर के अभ्यर्थी भी अब बिहार में शिक्षक बन सकते हैं।
प्रदर्शन कर रहे इन शिक्षकों में से एक अखिलेश ने बताया कि वह दरभंगा में पिछले 9 साल से पढ़ा रहे हैं, आंदोलन और प्रदर्शन के सवाल पर कहते हैं, ‘हम पिछले 9 साल से राज्य में प्राथमिक स्तर पर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। जब भी सरकार ने परीक्षा आयोजित की हमने दी। जैसे टीईटी और डीएलएड की परीक्षा साल 2011 में ही पास की और पिछले चुनाव में तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी ने हम सभी से वादा किया था कि वे हमें राज्यकर्मी का दर्जा देंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा। इस पर से एक नया शिगूफ़ा कि अब हमें बीपीएससी के माध्यम से होने वाली शिक्षक बहाली की परीक्षा देनी होगी। हम इसके ख़िलाफ़ आज प्रदर्शन के लिए पटना में जुटे हैं।’
इस प्रदर्शन में शामिल हुए भाकपा (माले) के विधायक अजीत कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुवे कहा कि ‘शिक्षक समाज बिहार का एक बड़ा समाज है और हम उस समाज के साथ हैं। इसके अलावा इनकी माँग भी जायज़ है। हम तो इस मसले पर हमेशा से शिक्षकों के साथ रहे हैं। इस संदर्भ में हमने मुख्यमंत्री से भी बात की है। मुख्यमंत्री ने भी हमें आश्वस्त किया है कि वे इस मसले पर सकारात्मक पहल लेने के लिए तैयार हैं। हम उम्मीद करते हैं कि नीतियाँ शिक्षकों के पक्ष में बनाई जाएंगी।’
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