अनुराग पाण्डेय
डेस्क: बीते एक साल में पांच करोड़ से ज़्यादा मनरेगा जॉब कार्ड रद्द किए गए हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में इस बारे में जानकारी दी है। मनरेगा यानी भारत के ग्रामीण इलाक़ों में 100 दिन के रोज़गार की गांरटी। इसी के तहत लोगों के मनरेगा जॉब कार्ड बनाए जाते हैं।
इस लिस्ट में अगले नाम आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के हैं। गुजरात में क़रीब 200 फ़ीसदी की वृद्धि के साथ बीते साल करीब चार लाख 30 हज़ार से ज़्यादा कार्ड रद्द किए गए। सरकार ने संसद में इन मनरेगा कार्ड्स को रद्द किए जाने की वजह भी बताई है। सरकार ने कहा कि जॉब कार्ड हटाने के लिए कई कारण ये है- जाली जॉब कार्ड, नकली या डुप्लीकेट जॉब कार्ड, अब, काम करने के इच्छुक नहीं, ग्राम पंचायत से स्थायी रूप से चले जाना और जॉब कार्ड वाले व्यक्ति की मौत।
ईदुल अमीन वाराणसी: दिनदहाड़े बीच सड़क पर ईट पत्थर से मार कर एक साधू भेश्धारी…
शाहनवाज़ अहमद गाजीपुर: जनपद मे गंगा नदी मे बाढ के प्रकोप को देखते हुए विकास…
शाहनवाज़ अहमद गाजीपुर: जनपद मे बाढ की विभिषिका को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड…
शफी उस्मानी वाराणसी : तमाम आलम-ए-इस्लाम ने कल से लेकर आज सोमवार शाम तक आमद-ए-रसूल…
तारिक आज़मी वाराणसी: जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के दौरान शहर बनारस में एक दर्दना हादसा ज़ेरेपेश आया…
अबरार अहमद प्रयागराज: सोरांव के उसरही गांव के सामने स्थित रामजानकी गेस्ट हाउस में चल…