शाहीन बनारसी
वाराणसी: आज शुक्रवार को पुरे मुल्क में ईद-ए-गदीर की खुशियाँ मनाई गई। इस मुक़द्दस मौके पर जमकर महफिले सजी और लोगो ने एक दुसरे को बधाई दी। बताते चले कि इस्लामी कलेंडर हिजरी के अंतिम मान ज़िल्हिज्जा की 18 तारीख यानी आज के रोज़ मुस्लिम समुदाय ईद-ए-गदीर मनाते है। इसी दिन अपने आखरी हज से वापस लौटते वक्त हुजुर-ए-अकरम मुहम्मद मुस्तफा (स0अ0व0) ने मौला अली के लिए ‘मनकुन्तो मौला अली’ कहा था।जिसका मायने होता है ‘जिस-जिस का मैं मालिक, उन सबके अली मालिक।’
इसी ईद की खुशियां मानते हुए शहर में रात ही से महफ़िल का सिलसिला शुरू हो गया था। बीती रात करारा हाउस तेलियानाला में क़सीदा ख़्वानी की महफ़िल हुई, जो देर रात तक चली। आज बरोज़ जुमा को दिन में 4 बजे बनारस के इमाम-ए-जुमा मौलाना सैयद ज़फर-उल-हुसैनी की सदारत में करारा हॉउस पर महफ़िल-ए-बयान का एहतेमाम हुआ। बयान से पहले शोअरा-ए-केराम ने अपना मंज़ूम नज़राना-ए-अक़ीदत पेश किया। महफ़िल को ख़िताब करते हुए आले जवाद-उल-उलेमा मौलाना अक़ील हुसैनी ने ईद ए ग़दीर की फ़ज़ीलत और मौला अली के फ़ज़ाएल बयान किये। महफ़िल की निज़ामत मौलाना अमीन हैदर हुसैनी ने किया।
महफ़िल में मौलाना मेहदी रज़ा, मौलाना इश्तियाक अली, मौलाना इक़बाल हैदर, मौलाना करीमी, मौलाना यूसुफ मशहदी, मौलाना ज़ाएर ईमानी समेत हज़ारो की तादाद में लोगो ने शिरकत की। इसी क्रम में दालमंडी, दरगाहे फ़ात्मान, शिवाला, बड़ी बाज़ार, मदनपुरा समेत लगभग सभी शिया बहुल इलाकों में महफ़िल सजाई गई और खुशियां मनाई गई। उक्त जानकारी जामा मस्जिद दारानगर वाराणसी के प्रशासनिक सचिव एस0 मुनाज़िर हुसैन ‘मंजू’ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।
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