आफ़ताब फारुकी
डेस्क: केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी पर जताई जा रही चिंताओं के बारे में कहा है कि ‘हमें हर तरह की चिंताओं का स्वागत करना चाहिए।’ चुनाव को ध्यान में रखते हुए यूसीसी को लाए जाने के आरोपों पर अपनी नाराज़गी जताते हुए उन्होंने सवाल पूछा कि ‘1986 में जब मैंने इस मसले पर सरकार से इस्तीफ़ा दिया था, तब क्या मैं चुनाव लड़ रहा था।’
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उनसे पूछा गया कि आरोप है कि यूसीसी जब सबके लिए है, तो टारगेट सिर्फ मुसलमानों को किया जा रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘क्या आप इस बारे में जताई जा रही चिंताओं को रोकना चाहते हैं लेकिन मैं कहता हूं कि जो कोई जो कुछ भी कह रहा है उसका स्वागत करना चाहिए। फिर उन सारी बातों का पता सरकार को चलेगा।’ आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा, ‘इससे कोई भी फ़ैसला लेते वक़्त सरकार उन संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखेगी।’
शाहबानो मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के समर्थन में संसद में ख़ुद के बयान का ज़िक्र किए बिना आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा कि उन्होंने 1986 में यह मामला जब उठाया था, तब चुनाव के बीते केवल एक ही साल हुए थे। इसके बाद पत्रकारों पर बिफरते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘आपकी प्राॅब्लम है कि आप पूरा स्टडी नहीं करते चीजों की, सिर्फ़ सतही सवाल होते हैं, मुझे प्रभावित नहीं करते ये सवाल’ उन्होंने कहा, ‘मैं ये लड़ाई 1986 से लड़ रहा हूं।’
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