तारिक़ खान/शफी उस्मानी
डेस्क: सोशल मीडिया पर एक वीडियो आज सुबह से वायरल हो रहा है। जिसमे एक युवक एक बालक के ऊपर पेशाब करता हुआ दिखाई दे रहा है। वायरल वीडियो में पेशाब करने वाला युवक होंठो से सिगरेट जलाये हुवे बालक के सर पर पेशाब कर रहा है और असहाय बालक वैसे ही बैठा हुआ है। वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के सीधी जिले का बताया जा रहा है। वीडियो के वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर जानकारी दिया कि वायरल वीडियो संज्ञान में है और आरोपी पर रासुका के तहत कार्यवाही होगी। वही ट्वीटर यूज़र्स मुख्यमंत्री को बुलडोज़र की याद दिलाने से पीछे नही हट रहे है।
पत्रकार अजीत अंजुम ने इस वीडियो को RT करते हुवे लिखा है कि ‘मुख्यमंत्री शिवराज जी, कहा जा रहा है कि ये हैवान आपके सूबे का है। ये जो भी है, जहां भी है, इसकी तुरंत गिरफ़्तारी हो। इस सिरफिरे को ऐसी अमानवीय हरकत की सख़्त से सख़्त सज़ा मिले। ऐसी सज़ा जो, दूसरों के लिए भी सबक़ हो।’ अजीत अंजुम ने दलित वौइस् नाम के एक ट्वीटर यूज़र्स द्वारा ट्वीट को RT किया है।
पीसीसी चीफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने बयान में यह भी कहा कि आदिवासी समाज के युवक के साथ ऐसी घटना जघन्य है। ऐसे लोगों का सभ्य समाज मे कोई स्थान नहीं। आरोप है कि पेशाब करने वाला व्यक्ति बीजेपी से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासी अत्याचार में नंबर वन है। इस घटना ने पूरे मध्यप्रदेश को शर्मसार कर दिया है। मैं सीएम से मांग करता हूं, दोषी को सख्त सजा दी जाए। मप्र में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को समाप्त किया जाए।
वही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने अधिकृत ट्वीटर से पोस्ट किया है कि ‘मेरे संज्ञान में सीधी जिले का एक वायरल वीडियो आया है। मैंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि अपराधी को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर एनएसए भी लगाया जाए।‘ शिवराज सिंह चौहान के इस ट्वीट पर यूज़र्स कमेन्ट से बाज़ नहीं आये और उनको बुलडोज़र कार्यवाही की याद दिलवाई।
आलोचनाओं के बाद मुख्यमंत्री ने अपने इंटरव्यूव का हिस्सा पोस्ट करते हुवे लिखा है कि “अपराधी केवल अपराधी होता है, उसकी कोई जाति, धर्म या पार्टी नहीं होती। सीधी मामले को लेकर मैंने निर्देश दिए हैं, आरोपी को ऐसी सजा दी जाएगी जो उदाहरण बने। हम उसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।’
वही दूसरी तरफ एक ट्वीटर यूज़र्स पत्रकार आलोक पुतुल ने उक्त वीडियो का स्क्रीन शॉट के साथ एक शपथ पत्र पोस्ट करते हुवे जानकारी दिया है कि पीड़ित बालक ने शपथ पत्र देकर कहा है कि वीडियो झूठा है ऐसी कोई घटना ही नही हुई है। शपथ पत्र पर 3 जुलाई 2023 की तारीख पड़ी हुई है। शपथ पत्र की क्या सत्यता है इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नही हुई है। पत्रकार आलोक पुतुल ने शपथ पत्र के साथ लिखा है कि ‘मप्र में भाजपा नेता द्वारा आदिवासी बच्चे पर पेशाब करने का वीडियो वायरल होने के बाद अब पीड़ित पक्ष ने यह शपथपत्र दिया है कि वीडियो झूठा है। भयावह है यह सब!’ वैसे वास्तव में यदि ऐसा शपथ पत्र पीड़ित के द्वारा अथवा उसके परिजनों द्वारा दिया गया है तो बेशक काफी डराने वाली स्थिति है क्योकि घटना तो हुई है जिसका वीडियो साक्ष्य उपलब्ध है। फिर किस डर से अथवा लालच से पीड़ित ने ऐसा शपथ पत्र दिया। वैसे प्रशासन क्या कार्यवाही करता है इसके ऊपर सभी की निगाहें टिकी हुई है।
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