तारिक़ आज़मी
डेस्क: मणिपुर में 4 मई को हिंसक भीड़ के शिकार हुवे भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे अपने पुरे परिवार के साथ दिल्ली में है, जहा उनका इलाज चल रहा है। वाल्टे काफी तकलीफ में है। हिंसक भीड़ ने उनके ऊपर जानलेवा हमला किया था। मणिपुर सरकार में वाल्टे का कद इससे ही आका जा सकता है कि वह सीएम बीरेन सिंह के सलाहकार हैं, साथ ही वे फेरज़ावल जिले के थानलोन से तीन बार के विधायक और पूर्व में आदिवासी मामलों के मंत्री रह चुके हैं।
बीजेपी नेता होने के बावजूद वुंगजागिन वाल्टे की कुकी पहचान उनके लिए जानलेवा साबित हुई। मीडिया से बात करते हुवे उनके एक रिश्तेदार ने यह जानकारी दिया है कि अभी वुंगजागिन वाल्टे की याददाश्त पहले के मुकाबले ठीक है। उन्हें जो याद आ रहा है वो बता रहे हैं, तो उन्होंने बताया कि जब भीड़ ने उन पर हमला किया तो उन्होंने रास्ता भी बदला लेकिन फिर मैतेई का एक ग्रुप ‘आरामबाई’ आ गया और वे उन्हें पकड़ कर ले गए।
आप इससे इस बात का अंदाजा लगा सकते है कि जब भाजपा विधायक हिंसक भीड़ का शिकार इस प्रकार हुवे कि उनके ड्राईवर की मौत हो गई। तो अन्य आम नागरिको का क्या हाल हुआ होगा। वाल्टे पर 4 मई को मणिपुर में हमला हुआ था जिसमें उनके ड्राइवर की मौत हो गई थी जबकि उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली लाया गया था।
हिंसक भीड़ के शिकार हुवे वाल्टे मौत से जंग लड़कर वापस आये है। अभी भी उनका इलाज दिल्ली में चल रहा है। शुरू में लोगो ने समझा था कि भाजपा विधायक वाल्टे की इस हमले में मौत हो गई है। मगर रिम्ज़ में चिकित्सको ने बताया कि नही उनकी सांसे अभी भी चल रही है। जिसके बाद वाल्टे को एयर लिफ्ट करवा कर दिल्ली लाया गया। जहा उनका इलाज चल रहा है।
फिलहाल वो दिल्ली में ही रह कर अपना इलाज करवा रहे हैं। भाजपा विधायक वाल्टे की पत्नी ने मीडिया से आज बातचीत में बताया है कि पुरे इलाज के दरमियाना पार्टी का कोई बड़ा नेता हालचाल पूछने नही आया है। अपनी बेबाक खबरों के लिए मशहूर न्यूज़ क्लिक से बात करते हुवे भाजपा विधायक वाल्टे की पत्नी ने कहा है कि ‘3 मई को हिंसा शुरू होते ही लोगों ने उनके पति को मदद के लिए लगातार फोन करने शुरू कर दिए थे। हर तरफ गहमागहमी का माहौल था।
वाल्टे परिवार इंफाल में विधायक आवास में रह रहा था। मदद के लिए उन्होंने लोगों को भी यहां पनाह दी। चार मई को सीएम से मीटिंग के लिए निकले वुंगजागिन वाल्टे पर लौटने के दौरान हमला हुआ। उनकी पत्नी ने इस साक्षात्कार में बताया है कि ‘उस वक़्त उनके साथ उनका ड्राइवर और पीएसओ भी साथ थे। ‘करीब 1:45 बजे उन्हें वुंगजागिन वाल्टे ने फोन किया लेकिन वो लोगों की मदद करने में व्यस्त थी इसलिए फोन नहीं उठा पाई’।
उन्होंने कहा कि ‘कुछ देर बाद उनके छोटे बेटे के पास फोन आया कि ‘भीड़ ने आपके पिता को मार डाला’ इस समाचार के बाद वाल्टे की पत्नी अन्य परिजनों के साथ रिम्स अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों से पता चला कि पति ज़िंदा हैं। उन्होंने कहा कि ‘जैसे ही मैंने अपने पति को उस हालात में देखा मैंने इमरजेंसी रूम में बेतहाशा रोना शुरू कर दिया, कोई मदद के लिए नहीं था, लेकिन डॉक्टर ने हिम्मत दी।‘
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