आदिल अहमद
डेस्क: अजित पवार के बाग़ी होने के बाद महाराष्ट्र में सियासी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। अजित पवार अपने चाचा शरद पवार का साथ छोड़कर रविवार को महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए हैं। अजित ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। अजित समेत एनसीपी के नौ विधायक भी एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हुए हैं। इससे पहले भी एक बार अजित पवार ने एनसीपी विधायकों के साथ मिलकर फडणवीस सरकार से हाथ मिलाया था। हालांकि ये साथ तब ज़्यादा दिन नहीं चल पाया था।
अजित पवार समेत नौ विधायकों के सत्ता में बैठने पर शरद पवार ने कहा था, ”जिन लोगों को ज़िम्मेदारी सौंपी थी, उन्होंने ढंग से उसे नहीं निभाया। हम जनता के बीच जाएंगे। एनसीपी को फिर से खड़ा करेंगे।” इससे पहले एनसीपी सांसद और अजीत पवार की बहन सुप्रिया सुले ने भी अपने भाई संग रिश्तों पर प्रतिक्रिया दी थी। सुप्रिया सुले ने रविवार देर रात कहा था, ”जो हुआ वो काफ़ी तकलीफ़देह था। लेकिन इससे मेरे कज़न (चचेरे भाई) अजित से मेरा रिश्ता पहले जैसा ही रहेगा।” सुले ने कहा था, ”मैं पर्सनल और प्रोफ़ेशनल रिश्ते को मिक्स नहीं करूंगी। मैं अपने भाई से कभी नहीं लड़ सकती। इमोशनल और प्रोफेशनल काम दो अलग चीज़ें होती हैं।”
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