ईदुल अमीन
डेस्क: अजीत पवार इस हफ़्ते की शुरुआत में अपने चाचा शरद पवार के ख़िलाफ़ बग़ावत करके कई एनसीपी विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हुए हैं। इसके साथ ही अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। यही नहीं, एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने यहां तक कहा है कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
इसके बाद एक कयास लगने लग गया कि अजीत पवार के आने से शिंदे का पॉवर कम होगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र की राजनीति में जारी नाटकीय घटनाक्रम पर एक बेहद दिलचस्प टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि अजीत पवार की शिवसेना-बीजेपी सरकार में एंट्री होने से उनके पद के लिए किसी तरह का ख़तरा पैदा नहीं हुआ है।
एनसीपी में मचे घमासान पर शिंदे ने कहा कि पार्टियां तब टूट जाती हैं जब मेहनत से काम करने वाले कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जाती है। उन्होंने कहा, ‘ये सब तब होता है जब मेहनतकश पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी होती है। अजित पवार ने खुद कहा है कि शरद पवार ही बीजेपी के साथ 2017 और 2019 में करार करना चाहते थे लेकिन उन्होंने अपना रुख़ बदल लिया।’
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