तारिक़ खान
देश की राजधानी अपराधो की नगरी बनती जा रही है। जब देखो तब किसी न किसी दिनदहाड़े अपराध की घटनाओं के सामने आने पर सत्तारूढ़ दल लगातार एलजी पर हल्वावर है। आज आम आदमी पार्टी ने हत्या का एक वीडियो शेयर करके एलजी को कानून व्यवस्था के ख़राब हालत हेतु ज़िम्मेदार ठहराया है। वीडियो कल देर रात से जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो 24 जून का बताया जा रहा है जिसमे दो युवक एक युवक की चाकू से गोद कर बेरहमी से हत्या कर रहे है। कुछ लोग आसपास से देखते हुवे गुज़र जा रहे है और कई लोग वीडियो बना रहे है।
बेदिली के तौर पर बनती जा रही दिल्ली की यह दिल को झकझोर देने वाली खबर कैंट इलाके के पास मौजूद गांव झारेड़ा में 24 जून के शाम की बताया जा रहा है जिसमे दो बदमाशों ने अपनी पुरानी दुश्मनी निकालने के लिए एक शख़्स का कत्ल कर दिया। मृतक की पहचान आशीष के रूप में हुई है। आशीष की 3 जुलाई को शादी होनी थी, उसके पहले ही जश्न वाले घर में मातम छा गया है। आशीष की हत्या पुरानी दुश्मनी के कारण होने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि मृतक आशीष को दो बदमाशों ने बारात घर के पास बुलाया था, लेकिन बारात घर पहुंचने से पहले उसका कत्ल कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक आरोपी लंबे समय से आशीष के पीछे पड़े थे और दुश्मनी निकालना चाहते थे।
वायरल होते घटना के वीडियो का एंगल देख कर पता चलता है कि दाईं तरफ मौजूद रिहाइश से ये वीडियो बनाया गया। एक तरफ ऊंची दीवारें हैं जो दिल्ली कैंट इलाका है वहीं दूसरी तरफ का इलाका झारेडा गांव में लगता है। घटना स्थल पर देर रात तक आवाजाही तेज रहती है। वीडियो में भी लोग अपनी कारो में फर्राटा भरते देखे जा सकते है। दिन की रोशनी में चाकू से गोद कर कत्ल करने की ये घटना सुरक्षा व्यवस्था पर, प्रशासन के साथ आम लोगों पर भी तमाम सवाल खड़े कर रही है। आखिर क्यों दिल्ली के लोग मदद करने के लिए सामने नहीं आ पाते या क्या बदमाशों का खौफ इतना ज्यादा है कि आम लोग ऐसी घटना को नजर दराज कर आगे बढ़ जाते हैं ?
आशीष की मां गीता ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि आशीष शादी को लेकर बहुत खुश था क्योंकि उसकी पसंद की शादी होने वाली थी। आशीष माँ बाप का एकलौता बेटा था। घटना के दिन वो नया टीवी लेकर आया था और उसका वाईफाई लगवाने के लिए बाहर निकला था तभी बदमाशो ने घटना को अंजाम दिया। मृतक आशीष के पिता आनंद ने कहा कि जिन लोगों ने मेरे बेटे को मारा है, उन्हे फांसी की सजा होनी चाहिए। मृतकों के पिता ने मीडिया को बताया है कि करीब 6:30 के आसपास तीन लड़के आशीष को बुलाने आए थे और उसे आगे तक छोड़ने के लिए कहा था। मैं भी पीछे पीछे गया क्योंकि मुझे थोड़ा शक हुआ।
मृतक के पिता ने बताया है कि जब ये घटना हुई तो मैं थोड़ी दूरी पर ही खड़ा रहा, मैं इन लड़कों को पहचान सकता हूं। मैंने सब कुछ देखा। मैं बेटे के पास पहुंचा और इतना खून देख कर वहीं गिर गया। एक पुलिस वाला उसे डंडे से मार के उठा रहा है। पुलिस की PCR वैन वहीं खड़ी थी लेकिन एंबुलेंस का आधे घंटे से ज्यादा इंतजार किया गया। उस ही वक्त पुलिस ले जाते तो मेरा लड़का बच जाता। इन लड़कों को पूरा गांव जानता है, ये राह चलते लोगों को लूटते थे। मेरा बेटा उनसे मिलने नही गया था, वो वहीं खड़े हुए थे। पुलिस से अब कोई शिकायत नहीं, पुलिस अपना काम अच्छी तरह से कर रही है।
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