अनिल कुमार
पटना: पटना हाई कोर्ट ने मंगलवार को ‘जाति आधारित सर्वे’ मामले में फ़ैसला सुना दिया है। कोर्ट ने ‘जाति आधारित सर्वे’ पर लगी रोक को हटा दिया है। जाति आधारित सर्वे के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं पर चीफ़ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए यह कहा कि राज्य सरकार जाति आधारित सर्वे करवा सकती है। याचिकाकर्ताओं के वकील दीनू कुमार ने इस फ़ैसले के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि अब बिहार में सरकार जातीय सर्वे करवा सकती है।
बिहार के भीतर जब जाति आधारित सर्वे पर रोक लगी, तब दूसरे चरण की गणना जारी थी। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने गृह ज़िले पहुँचकर तमाम जानकरियाँ साझा की थीं। सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने तब सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि इस सर्वेक्षण के आधार पर सरकार बिहार की जनता के लिए नीतियाँ बनाएगी। वहीं इसके ख़िलाफ़ कोर्ट में गए याचिकाकर्ताओं ने लोगों की निजता के हनन का हवाला देते हुए इसे चैलेंज किया था।
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