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बोले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह- ‘अमित शाह राहुल गांधी की तरह राघव चड्ढा की सदस्यता ख़त्म करना चाहते हैं’

आदिल अहमद

डेस्क: आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने मंगलवार को ये आरोप लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की राहुल गांधी की तरह सदस्यता लेना चाहते हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, “देश के गृह मंत्री अमित शाह राघव चड्ढा के पीछे पड़ गए हैं। जैसे झूठा बेबुनियाद केस बनाकर राहुल गांधी की सदस्यता ली, ऐसे ही राघव की सदस्यता लेना चाहते हैं। ये बहुत ही खतरनाक लोग हैं। कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन हम लोग आम आदमी के सिपाही हैं। हम इनसे डरते नहीं हैं। इनसे लड़ते हैं और लड़ते रहेंगे। अगर राघव की सदस्यता ली तो राघव फिर चुनकर आएंगे और इनके ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई, अपनी जंग जारी रहेंगे।”

उन्होंने कहा, “गृहमंत्री सदन में बौखलाए हुए थे, कहा – ‘राघव चड्ढा का नाम विशेषाधिकार समिति में भेजो।’ क्या आपको पता नहीं सेलेक्ट कमेटी में नाम प्रस्तावित करने के लिये किसी के सिग्नेचर की ज़रूरत नही? झूठ और अफ़वाह मत फैलाइये गृह मंत्री जी।” बताते चले सोमवार को राज्यसभा में दिल्ली सर्विस विधेयक पारित हो गया लेकिन इस दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा विवाद में घिर गए। उन पर पाँच राज्यसभा सांसदों ने “फ़र्ज़ी हस्ताक्षर” कराने का आरोप लगाकर विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है।

दरअसल, राघव चड्ढा इस विधेयक को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने का प्रस्ताव लेकर आए थे। इस प्रस्ताव पर पाँच सांसदों के नाम शामिल किए गए थे, जिनका कहना है कि उन्होंने इस पर हस्ताक्षर ही नहीं किए, ना ही उन्हें इस बात की कोई जानकारी थी कि उनके नाम इस प्रस्ताव के समर्थन में शामिल किए जा रहे हैं। राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने इन शिकायतों की जाँच के आदेश दिए हैं। सांसदों के ‘फ़र्ज़ी हस्ताक्षर’ करवाने के आरोप पर चड्ढा ने कहा, “विशेषाधिकार समिति को मुझे नोटिस भेजने दीजिए, मैं अपना जवाब समिति को दूंगा।”

दिल्ली सर्विस विधेयक को सिलेक्ट कमिटी को भेजने के राघव चड्ढा के प्रस्ताव को ध्वनिमत से ख़ारिज कर दिया गया। इस विधेयक के ज़रिए मोदी सरकार उस अध्यादेश को क़ानून बना रही है, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल के पास दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग या ट्रांसफ़र का आख़िरी अधिकार होगा। जिन पाँच सांसदों ने ये दावा किया गया है कि प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर फ़र्ज़ी थे उनमें बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, पी कोन्याक, बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा और एआईडीएमके सांसद थम्बी दुरई का नाम शामिल है।

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