Varanasi

ज्ञानवापी मस्जिद: राखी सिंह ने अर्जी दाखिल कर कहा ‘कथित वज़ुखाने का हो सर्वे’, बोले एसएम यासीन ‘स्वागत है, वजूखाने का ही नही बल्कि हमारे फव्वारे जिसको इनका दावा शिवलिंग होने का है’  उसका भी सर्वे हो ताकि सच बाहर आ जाये

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे एएसआई सर्वे जिसकी रिपोर्ट 2 सितम्बर को अदालत में पेश होने की संभावना है के दरमियान ही वादिनी मुकदमा राखी सिंह के द्वारा जिला जज अदालत में 62 पन्नो की एक अर्जी बज़रिया-ए-अधिवक्ता मान बहादुर सिंह, सौरभ तिवारी और अनुपम द्विवेदी दाखिल करके मस्जिद के वजूखाने का भी एएसआई द्वारा सर्वे करवाए जाने की मांग किया गया है।

Gyanvapi Masjid: Rakhi Singh filed an application and said ‘Survey should be done of the alleged Vajukhane’, said SM Yasin ‘Welcome, not only of Vajukhane but also our fountain which is claimed to be Shivling’ should also be surveyed so that the truth comes out

अदालत में दाखिल अर्जी में एएसआई को भी पार्टी बनाते हुवे याचिकाकर्ती राखी सिंह ने कहा है कि ‘ज्ञानवापी परिसर में स्थित तथाकथित वजूखाने में विराजमान शिवलिंग को छोड़ कर पुरे परिसर यानी तथाकथित वाज़ुखानाए का एएसआई द्वारा सर्वे किया जाए, जिससे संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का सत्य उजागर हो सके। जो कि निष्पक्ष न्याय करने में सहायक सिद्ध होगा।’

अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए 8 सितम्बर की तारीख मुक़र्रर कर दिया है। उक्त जानकारी विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जीतेन्द्र सिंह विसेन और राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सिंह के निर्देश पर कार्यालय सचिव सूरज सिंह द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रदान किया गया है। इस जानकारी के आने के बाद हने इसमें पक्ष जानने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इन्तेजामियाँ मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन से हमने फ़ोन पर संपर्क किया।

याचिका का स्वागत, वाज़ुखाने ही नहीं हमारे उस फव्वारे का भी सर्वे हो जिसको इनका दावा शिवलिंग होने का है: एसएम यासीन

इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद की देख भाल करने वाली संस्था अंजुमन इन्तेजामियां मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने हमसे फोन पर बात करते हुवे कहा कि अव्वल तो ये याचिका जिला जज अदालत में पेश हुई, जिसका कोई खास महत्त्व समझ में नही आया क्योकि इसके सम्बन्ध में आदेश सुप्रीम कोर्ट का है। मगर उनके अधिवक्ता इसको बेहतर समझते है कि क्या कैसे करना है? ‘फिलहाल तो हमारे पास अभी याचिका की प्रति नही आई है। मगर चल रहे समाचारों से इस याचिका की जानकारी हासिल हुई।‘

उन्होंने कहा कि ‘हम याचिका का स्वागत करते है और कहना चाहेगे कि सिर्फ वजूखाना ही क्यों, बल्कि हमारे उस फव्वारे का भी सर्वे हो जाए जिसको इनका दावा शिवलिंग होने का है। हमारे पास इससे जुड़े दस्तावेज़ है कि उसका निर्माण वर्ष 1937 के बाद हुआ है। उसका भी एएसआई सर्वे कर ले तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। हम भी उससे जुड़े दस्तावेज़ पेश कर देंगे कि यह वर्ष 1937 के बाद निर्मित हुआ है।’

एस0एम0 यासीन ने कहा कि ‘हमारे पास पुरे पुख्ता सबूत इससे जुड़े हुवे है कि जिसको ये दावा कर रहे है कि यह शिवलिंग है, वह दरअसल हमारे वज़ुखाने का फव्वारा है। अगर मुझे इसका मौका दिया जाए तो मैं खुदं इसको बना कर चला कर दिखा भी सकता हु कि वह फव्वारा है। इसीलिए इस याचिका का स्वागत करते हुवे मैं कहूँगा कि उक्त हमारे फव्वारे का भी सर्वे हो जिसको इनके द्वारा शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है। सर्वे के दरमियान मुझे मौका दिया जाए तो और मैं इसको चला कर दिखा दूंगा।’

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